नई दिल्ली, 5 सितंबर 2025: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि 2019 के बालाकोट (Balakot) हवाई हमले के बाद भारत ने अपनी सैन्य रणनीति में व्यापक बदलाव किए।
जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को आधुनिक युद्ध का एक उदाहरण बताते हुए इसे भारत की सैन्य ताकत और सामरिक परिपक्वता का प्रतीक करार दिया। यह ऑपरेशन, जो 7 मई 2025 को शुरू हुआ, पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के लिए जाना जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक नया युद्ध दर्शन
जनरल चौहान ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बातचीत में कहा, “बालाकोट के बाद हमने अपनी रणनीति को और परिष्कृत किया। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ़ सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि यह एक मल्टी-डोमेन ऑपरेशन था, जिसमें साइबर, इंटेलिजेंस, डिसइन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट और तीनों सेनाओं का समन्वय शामिल था।” उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में भारत ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान के ड्रोन और लॉइटरिंग म्युनिशन हमलों को भी पूरी तरह नाकाम कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में हुई थी, जिसमें 25 पर्यटक मारे गए थे। भारत ने 7 मई को नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए और बाद में 13 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। जनरल चौहान ने बताया कि भारत ने इन हमलों में “पिनपॉइंट एक्यूरेसी” के साथ काम किया, कुछ हमले तो एक मीटर की सटीकता के साथ किए गए।
शुरुआती नुकसान, फिर शानदार वापसी
जनरल चौहान ने पहली बार यह स्वीकार किया कि 7 मई को ऑपरेशन के शुरुआती चरण में भारत को कुछ हवाई नुकसान उठाने पड़े। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान के दावे को खारिज किया कि छह भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए गए। उन्होंने कहा, “नुकसान हुए, लेकिन संख्या महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि हमने अपनी गलतियों को पहचाना, रणनीति में सुधार किया और 48 घंटों के भीतर फिर से लंबी दूरी के सटीक हमले किए।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने अपनी गलतियों से सीखा और 8 और 10 मई को पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर गहरे हमले किए, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों का भी इस्तेमाल हुआ। जनरल चौहान ने कहा, “हमने पाकिस्तान के हवाई रक्षा तंत्र को भेदकर 300 किलोमीटर अंदर तक सटीक हमले किए। यह हमारी सैन्य क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रमाण है।”
“आज का युद्ध कल के हथियारों से नहीं जीता जा सकता”
दिल्ली में एक रक्षा सेमिनार में बोलते हुए जनरल चौहान ने कहा, “आज का युद्ध कल के हथियारों से नहीं जीता जा सकता। ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि ड्रोन, साइबर युद्ध और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर आधुनिक युद्ध के अभिन्न अंग हैं।” उन्होंने स्वदेशी तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करनी होगी। “आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ़ हथियार बनाना नहीं, बल्कि अपनी जरूरतों के हिसाब से तकनीक विकसित करना भी है।”
जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के बीच अभूतपूर्व तालमेल का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच समन्वय का प्रतीक है। हमने न केवल आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अब आतंकवाद के साये में नहीं जिएगा।”
पाकिस्तान को कड़ा संदेश पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए जनरल चौहान ने कहा, “पाकिस्तान को यह समझना होगा कि भारत के खिलाफ आतंकवाद की रणनीति अब काम नहीं करेगी। हमने ऑपरेशन सिंदूर में साफ़ कर दिया कि आतंकवाद को प्रायोजित करने की कीमत चुकानी पड़ेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है और भारत की सैन्य तैयारियाँ 24×7, 365 दिन चरम पर रहेंगी।
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