जीएचएमसी की उदासीनता से बढ़ रही है और परेशानी
हैदराबाद। लगातार बारिश के कारण शहर में सड़कों (Road) की स्थिति बेहद खराब हो गई है, जिससे वाहन चालकों को दुःस्वप्न का सामना करना पड़ रहा है। जीएचएमसी केवल गड्ढे भरने और छोटी-मोटी मरम्मत तक ही सीमित रह गई है। नगर निकाय की धीमी प्रतिक्रिया से निराशा और बढ़ गई है, तथा यात्रियों ने समय पर कार्रवाई न होने पर असंतोष व्यक्त किया है। अधिकारियों ने दावा किया कि सड़कों की मरम्मत के प्रयास पहले से ही चल रहे थे, लेकिन बारिश के कारण हुई देरी के कारण काफी असुविधा हुई। जीएचएमसी (GHMC) के एक अधिकारी ने बताया, ‘जुलाई के तीसरे हफ़्ते में शहर में हुई भारी बारिश ने इस काम में थोड़ी राहत दी। जीएचएमसी तुरंत हरकत में आया और सड़कों पर जहाँ भी गड्ढे दिखे, उन्हें भरने और गड्ढों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया।‘
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में तेजी लाने का आग्रह
सड़क सुरक्षा अभियान पर जीएचएमसी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 1 अगस्त तक 7,250 से अधिक गड्ढों की मरम्मत की जा चुकी है। कुछ निवासियों ने जीएचएमसी की देरी पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि नगर निकाय ने मुख्य सड़कों में रुचि दिखाई, लेकिन आवासीय कॉलोनियों में आंतरिक सड़क नेटवर्क की उपेक्षा की। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों ने जीएचएमसी से शहर में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में तेजी लाने का आग्रह किया है। एसोसिएशनों ने सड़कों की बिगड़ती हालत पर चिंता व्यक्त की, जिससे निवासियों को असुविधा हो रही है। मलकाजगिरी निवासी भास्कर रेड्डी ने बताया, ‘शहर की सड़कों की हालत काफी खराब हो गई है, बड़े-बड़े गड्ढे और टूटी हुई सड़कें रोज़ाना आने-जाने वालों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं। निवासियों की बार-बार शिकायत के बावजूद, अधिकारियों ने अभी तक नुकसान की भरपाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।’
जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा मरम्मत का काम
बेगमपेट के एक अन्य निवासी बीएन प्रभाकर ने कहा, ‘कई वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को, खासकर व्यस्त समय के दौरान, मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यातायात धीमा हो जाता है और दुर्घटनाएँ बढ़ जाती हैं। स्थानीय अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन कोई निश्चित समय-सीमा नहीं बताई गई है।’ इस बीच, जीएचएमसी अधिकारियों ने सड़क नेटवर्क की मरम्मत और रखरखाव जारी रखने के लिए अनुबंध का विस्तार करने के लिए नगर प्रशासन और शहरी विकास (एमए और यूडी) विभाग से अनुमति मांगी है, जिसे ग्रेटर हैदराबाद में छह क्षेत्रों में व्यापक सड़क रखरखाव कार्यक्रम (सीआरएमपी) के तहत लिया गया था। जीएचएमसी के सूत्रों ने बताया कि अगर एमए और यूडी मरम्मत और रखरखाव अनुबंध बढ़ाने पर सहमत हो जाते हैं, तो वे तदनुसार आगे बढ़ेंगे। अन्यथा, वे नए सिरे से निविदाएँ जारी करेंगे।

सड़क कितने प्रकार की होती हैं?
सड़कों को उनके निर्माण, उपयोग और सतह के आधार पर मुख्यतः चार प्रकारों में बाँटा जाता है—(1) कच्ची सड़क (2) पक्की सड़क (3) राजमार्ग (4) ग्रामीण सड़क। तकनीकी रूप से इन्हें नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, जिला सड़क और ग्रामीण मार्ग भी कहा जाता है।
भारत की सबसे प्रसिद्ध सड़क कौन सी है?
देश की सबसे प्रसिद्ध सड़कों में से एक है ग्रैंड ट्रंक रोड, जिसे “जी.टी. रोड” कहा जाता है। यह सड़क प्राचीन काल से भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश तक फैली है और इसे शेरशाह सूरी ने बनवाया था। आज यह एनएच-19 व एनएच-44 से जुड़ी है।
सड़क का निर्माण कब हुआ था?
प्राचीन भारत में सड़क निर्माण की शुरुआत मौर्य काल में हुई मानी जाती है, लेकिन व्यवस्थित और लंबी सड़क का निर्माण शेरशाह सूरी के काल (16वीं सदी) में हुआ। आधुनिक सड़कों का निर्माण ब्रिटिश काल में रेल और व्यापार मार्गों के साथ शुरू हुआ।
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