हैदराबाद। भुवनगिरी सांसद (Bhuvanagiri MP) चामला किरण कुमार रेड्डी ने आज केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी पर तीखा हमला बोलते हुए उनके बयानों को विरोधाभासी और तेलंगाना के प्रति गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार राज्य की ताकतों और संभावनाओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के लिए ग्लोबल समिट (Global Summit) आयोजित कर रही है, जिसमें भारत और विदेशों से 3,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यह समिट तेलंगाना को निवेश के आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश कर रही है।
युवाओं के लिए रोजगार के उद्देश्य से समिट की शुरुआत
सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बड़े पैमाने पर निवेश लाने, युवाओं के लिए रोजगार और आजीविका के अवसर सृजित करने के स्पष्ट उद्देश्य से इस समिट की शुरुआत की है। “पिछले बीआरएस शासन की दस वर्षों की अव्यवस्था के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सिस्टम को वापस पटरी पर लाया है। बीआरएस शासनकाल में कई गलतियाँ हुईं, लेकिन तब किशन रेड्डी खामोश रहे। अब वे भ्रामक रूप से दावा कर रहे हैं कि केंद्र ने तेलंगाना को 13 लाख करोड़ रुपये दिए। यदि केंद्र ने वास्तव में 13 लाख करोड़ रुपये दिए होते, तो राज्य पर 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज क्यों होता?” सांसद ने सवाल किया।
पूर्ववर्ती सरकार के कर्ज पर हर महीने लगभग 8,000 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में चुकाने पड़ रहे
उन्होंने यह भी बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के कर्ज पर हर महीने लगभग 8,000 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में चुकाने पड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि जब राज्य में भ्रष्टाचार और पारिवारिक शासन चरम पर था, तब किशन रेड्डी ने तेलंगाना के हितों की रक्षा क्यों नहीं की। “यदि राज्य आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा था, तो किशन रेड्डी ने केंद्र की शक्तियों का उपयोग करके तेलंगाना की सुरक्षा क्यों नहीं की?” सांसद ने याद दिलाया कि किशन रेड्डी को तेलंगाना की जनता के वोटों से ही सांसद और केंद्रीय मंत्री बनने का अवसर मिला, लेकिन अब वे गलत आंकड़े पेश कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को आंध्र प्रदेश स्थानांतरित किए जाने की कड़ी निंदा
उन्होंने कहा, “सड़कों के चौराहों पर माइक पर बनाई हुई संख्याएँ चिल्लाने के बजाय उन्हें यह बताना चाहिए कि किस विभाग को 13 लाख करोड़ रुपये दिए गए और कब दिए गए।” सांसद चामला किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी बीते दो वर्षों से मेट्रो फेज-2, मूसी नदी पुनर्जीवन, आरआरआर और नए हवाई अड्डों के लिए मंजूरी हासिल करने हेतु प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से लगातार मिलते रहे हैं। उन्होंने सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को अचानक तेलंगाना से आंध्र प्रदेश स्थानांतरित किए जाने की कड़ी निंदा की। “तेलंगाना को इसका स्पष्टीकरण चाहिए। क्या केंद्र ने यह परियोजना 18वीं लोकसभा में चंद्रबाबू नायडू को खुश करने के लिए वहां भेजी?”
केंद्रीय मंत्री क्या होते हैं?
वे व्यक्ति होते हैं जिन्हें भारत सरकार (केंद्रीय स्तर) द्वारा किसी मंत्रालय या विभाग की जिम्मेदारी दी जाती है। इन्हें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के समन्वय में नियुक्त किया जाता है। इनका काम देश के हित में नीतियाँ बनाना, लागू करना, विभागीय कामकाज देखना, संसदीय जवाबदेही निभाना आदि होता है।
केंद्रीय मंत्री कौन-कौन होते हैं?
कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार (Independent Charge) वाले मंत्री, और राज्य मंत्री (State Minister / MoS) शामिल होते हैं।
- कैबिनेट मंत्री — बड़े-बड़े विभागों (जैसे वित्त, रक्षा, गृह, विदेश आदि) के प्रभारी होते हैं।
- स्वतंत्र प्रभार मंत्री — वो मंत्री होते हैं जिन्हें किसी विभाग का अकेला नेतृत्व दिया जाता है, लेकिन वो कैबिनेट का हिस्सा नहीं होते।
- राज्य मंत्री — वे मंत्री होते हैं जो किसी कैबिनेट मंत्री के अधीन काम करते हैं और विभाग की कुछ जिम्मेदारियाँ सँभालते हैं।
वर्तमान में भारत के केंद्रीय मंत्री कौन-कौन हैं?
क्योंकि मंत्रियों की सूची, उनके मंत्रालय और ज़िम्मेदारियाँ समय-समय पर बदलती रहती हैं, एक “पूर्ण वर्तमान सूची” हमेशा बदलती रहती है। आमतौर पर यह जानकारी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर अपडेट होती रहती है।
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