जल आपूर्ति और सीवरेज सेवाओं तक पहुंचने में कठिनाई
हैदराबाद। शहर में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति और उपभोक्ता निवारण सेवाएं बाधित हैं, क्योंकि हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (HMWSSB) शनिवार को तीसरे दिन भी अपने डेटा सेंटर पर आई तकनीकी खराबी से जूझ रहा है। जल बोर्ड के मेट्रो कस्टमर केयर (MCC) पर उपभोक्ताओं की शिकायतों की बाढ़ आ गई है, जिसमें जल आपूर्ति और सीवरेज सेवाओं तक पहुंचने में कठिनाई की बात कही गई है। इस गड़बड़ी के कारण ऑनलाइन गतिविधियां बाधित होने के साथ ही जल बोर्ड के मैनुअल कामकाज के कारण एर्रागड्डा, एसआर नगर, कुकटपल्ली, बंजारा हिल्स, जुबली हिल्स और रेड हिल्स स्थित फिलिंग स्टेशनों पर पानी के टैंकरों की लंबी कतारें लग गईं।
फिलिंग स्टेशनों पर अत्यधिक देरी
31 जुलाई को एचएमडब्ल्यूएस एंड एसबी डेटा सेंटर में खराबी आने के बाद फिलिंग स्टेशनों पर अत्यधिक देरी देखी गई, क्योंकि पूरी प्रक्रिया मैन्युअल रूप से संचालित होती है। प्रभावित सेवाओं में टैंकर बुकिंग और डिलीवरी शामिल थी और उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पानी की आपूर्ति न होने, सीवरेज नेटवर्क में रुकावट, अनियमित जल आपूर्ति और जल संदूषण से संबंधित शिकायतें बढ़ती जा रही थीं। जल बोर्ड आमतौर पर शिकायतों का समाधान 24 घंटे के भीतर कर देता है, लेकिन इस पर असर पड़ा है। एमसीसी के माध्यम से प्राप्त सभी कॉल व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सभी संचालन एवं रखरखाव प्रभागों के महाप्रबंधकों को भेज दी जाती हैं।
प्रबंधकों के मोबाइल नंबर वितरित
महाप्रबंधकों ने, बदले में, अनुभाग कार्यालयों में लाइनमैन और ‘सामान्य प्रयोजन कर्मचारियों’ (जीपीई) सहित क्षेत्रीय कर्मचारियों को तैनात किया। वे पानी और सीवरेज संबंधी समस्याओं सहित शिकायतों का मैन्युअल रूप से निपटारा करते थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, पार्षदों और अन्य लोगों को प्रबंधकों के मोबाइल नंबर वितरित कर दिए हैं, ताकि वे हमसे संपर्क कर सकें और अपनी शिकायतों का निवारण करा सकें।’

डेटा सेंटर क्या है?
ऐसी सुरक्षित और नियंत्रित जगह जहाँ कंप्यूटर सिस्टम, सर्वर और नेटवर्क उपकरणों को रखा जाता है और जहाँ से डिजिटल डेटा को संग्रहित, नियंत्रित और प्रसारित किया जाता है, उसे डेटा सेंटर कहा जाता है। यह इंटरनेट सेवाओं और क्लाउड स्टोरेज की रीढ़ होता है।
जल बोर्ड क्या होता है?
नगरों और महानगरों में जल आपूर्ति, सीवरेज व्यवस्था, जल शुद्धिकरण और जल प्रबंधन की जिम्मेदारी जिस सरकारी संस्था की होती है, उसे जल बोर्ड कहा जाता है। यह संस्था पेयजल की गुणवत्ता और आपूर्ति सुनिश्चित करती है, जैसे दिल्ली जल बोर्ड या हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वॉटर सप्लाई बोर्ड।
भारत में कितने डाटा सेंटर हैं?
2024 तक भारत में लगभग 160 से अधिक सक्रिय डेटा सेंटर हैं, जो प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे और नोएडा में स्थित हैं। सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस संख्या को तेजी से बढ़ा रहे हैं, जिससे भारत डिजिटल हब बन रहा है।
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