सीपी ने होम गार्ड्स रेज़िंग डे समारोह में भाग लिया
हैदराबाद। हैदराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार (Hyderabad Police Commissioner V.C. Sajjanar) ने कहा कि होमगार्ड शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और वे पुलिस कर्मियों के बराबर कर्तव्य निभा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि होम गार्ड्स के कल्याण के लिए जल्द ही सिटी पुलिस विभाग के अधीन एक विशेष होमगार्ड को-ऑपरेटिव सोसाइटी स्थापित की जाएगी। शनिवार को शहर पुलिस द्वारा पेटलाबुर्ज (Petlaburj) स्थित सीएआर मुख्यालय में होम गार्ड्स रेज़िंग डे उत्सव भव्य रूप से आयोजित किया गया।
5,000 होम गार्ड्स की निष्ठा की सराहना
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वी.सी. सज्जनार ने परेड का निरीक्षण किया और गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त किया। इस अवसर पर बोलते हुए, हैदराबाद पुलिस आयुक्त ने शहर में कार्यरत लगभग 5,000 होम गार्ड्स की निष्ठा की सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित होम गार्ड्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 2,000 लोग पहले ही सदस्य बन चुके हैं और शेष को भी सदस्यता लेने की सलाह दी। उन्होंने याद दिलाया कि पात्र होम गार्ड्स को डबल-बेडरूम मकान मंजूर करने के मुद्दे पर सरकार विचार कर रही है। पुलिस आयुक्त ने सभी होम गार्ड्स को सख्ती से सलाह दी कि वे अपना ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य रूप से नवीनीकृत कराएँ।
बीमा राशि स्वीकृत कराने में हो सकती है कठिनाई
उन्होंने समझाया कि यदि लाइसेंस नवीनीकृत नहीं है, तो सड़क दुर्घटना की स्थिति में बीमा राशि स्वीकृत कराने में कठिनाई हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ड्यूटी में लापरवाही दिखाने वालों या भ्रष्टाचार एवं अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी से अनुशासन बनाए रखने और पुलिस विभाग का नाम रोशन करने का आग्रह किया। इसके बाद, परेड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों और कर्तव्य निर्वहन में उत्कृष्टता दिखाने वाले 25 व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। ड्यूटी के दौरान या अन्य कारणों से दिवंगत 18 होम गार्ड्स के परिवारों को एक्स-ग्रेशिया चेक वितरित किए गए। कार्यक्रम में डीसीपी (सीएआर) मुख्यालय श्रीमती रक्षिता कृष्णमूर्ति, होम गार्ड्स कमांडेंट एन.वी. किशन राव और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
होमगार्ड की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?
मासिक सैलरी राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है, क्योंकि उनकी वेतन व्यवस्था केंद्र के बजाय राज्य सरकारें तय करती हैं। अधिकतर राज्यों में होमगार्ड को प्रतिदिन 700 से 900 रुपये तक का मानदेय मिलता है। इस हिसाब से उनकी एक महीने की सैलरी लगभग 18,000 से 24,000 रुपये के बीच हो सकती है। कुछ राज्यों में ड्यूटी दिनों के आधार पर यह रकम कम–ज्यादा भी हो सकती है।
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