महिलाओं ने पुलिस में दर्ज कराई है शिकायत, बीआरएस आक्रोशित
कोठागुडेम/हैदराबाद। शुक्रवार को बर्गमपाडु मंडल के इरावेंडी गांव में वन अधिकारियों द्वारा आदिवासी महिलाओं पर कथित हमले ने बड़े विवाद का रूप ले लिया है, जहां महिलाओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, वहीं बीआरएस (BRS) ने कांग्रेस सरकार (Congress Govt.) की आलोचना करते हुए उस पर ‘आतंक का राज’ चलाने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता मदकम सुनीता के अनुसार, वह और 11 अन्य महिलाएँ अपनी पोडू भूमि पर कपास के बीज बो रही थीं , तभी वन अधिकारी, जिनकी पहचान नागराजू, रामबाबू और अन्य के रूप में हुई, खाई खोदने के लिए पहुँचे। महिलाओं द्वारा पूछताछ किए जाने पर, अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें हाथों और डंडों से पीटा, एक महिला, कुंजम जोगम्मा के कपड़े फाड़ दिए और उनके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया।
अधिकारियों का दावा : महिलाओं ने फाड़ दी वर्दी
सुनीता ने बताया कि महिलाओं ने अधिकारियों से उन्हें परेशान न करने की गुहार लगाई और बताया कि वे 25 साल से इस ज़मीन पर खेती कर रही हैं और उनके पास कोई दूसरा काम नहीं है। उन्होंने पुलिस से नामित अधिकारियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने का आग्रह किया और दावा किया कि आदिवासी परिवारों को जान का ख़तरा है। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब डिप्टी फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर नागराजू, बीट ऑफिसर रामबाबू और अन्य कर्मचारी विवादित पोडू भूमि पर खाई खोदने के लिए अर्थमूवर लेकर पहुंचे। आदिवासी महिलाओं ने आरोप लगाया कि अधिकारी जबरन उस जमीन को छीनने की कोशिश कर रहे थे जिस पर वे दशकों से खेती कर रही थीं और बुलडोजर से उनके घरों को ध्वस्त करने की धमकी दी थी। हालांकि, वन विभाग ने दावा किया कि उसके कर्मचारियों पर महिलाओं ने हमला किया और उनकी वर्दी फाड़ दी।
तेलंगाना में महिला सुरक्षा पर अपना रूख स्पष्ट करे कांग्रेस : बीआरएस
घटना के बाद गांव के लोगों ने शुक्रवार को ही पिनापाका के विधायक पायम वेंकटेश्वरलू से मुलाकात की और वन अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस हमले की निंदा की और कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह महिलाओं की गरिमा की रक्षा करने में विफल रही है। उन्होंने विधानसभा में मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की पहले की विवादास्पद टिप्पणी का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सत्ता पर सवाल उठाने वाली महिलाओं को “नंगा करने” की बात कही थी। कांग्रेस शासन को ‘आतंक का शासन’ बताते हुए रामा राव ने तेलंगाना में महिला सुरक्षा और सम्मान के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का रुख जानने की मांग की।