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News Hindi : उड़ीसा से मुंबई तक अंतरराज्यीय गांजा तस्करी का भंडाफोड़, दो तस्कर गिरफ्तार

Ajay Kumar Shukla
Ajay Kumar Shukla
News Hindi : उड़ीसा से मुंबई तक अंतरराज्यीय गांजा तस्करी का भंडाफोड़, दो तस्कर गिरफ्तार

हैदराबाद। सिकंदराबाद रेलवे पुलिस (जीआरपी), ईगल टीम (टीजीएएनबी) और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने संयुक्त रूप से एक बड़े गांजा तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया। शनिवार को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन (Secunderabad Railway Station) पर प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में छापेमारी के दौरान दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो ओडिशा से मुंबई तक ड्राई गांजा पहुंचा रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों में मुना प्रुस्टी उर्फ मुना कुमार निवासी, ग्राम, ब्रह्ममछाई, जिला गंजाम, ओडिशा, तिकाश कुमार बारिक उर्फ बाबू, निवासी, अमरौली, जिला सूरत, गुजरात (Gujarat) में शामिल है।

ट्रॉली सूटकेस में गांजा होने की जानकारी

इस मामले के दो अन्य आरोपी, आशीष (बेरहंपुर, ओडिशा) और जयेश, शुभम (मुंबई, महाराष्ट्र) अभी फरार हैं। मुना प्रुस्टी और तिकाश कुमार बारिक एक ही गांव के रहने वाले हैं और विभिन्न राज्यों में रोजगार के लिए काम करते रहे हैं। मुना प्रुस्टी ने अपने फरार दोस्तों को अधिक कीमत पर गांजा बेचने के लिए योजना बनाई। इसके तहत उन्होंने 4 दिसंबर को उड़ीसा से 7 किलो गांजा खरीदा और कोणार्क में मुंबई के लिए रवाना हुए। पांच दिसंबर को जब ट्रेन सिकंदराबाद स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर पहुंची, पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास ट्रॉली सूटकेस में गांजा होने की जानकारी पाई। आरोपियों ने स्वयं स्वीकार किया कि उनके पास गांजा है। तलाशी के दौरान 6.863 किलो गांजा बरामद हुआ, जिसकी कीमत लगभग 3,43,150 रुपए आंकी गई।

गांजा तस्करी के लिए कौन-सी धारा लगती है?

गांजा या अन्य नशीली दवाओं की तस्करी, उत्पादन या वितरण के मामलों में आम तौर पर Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985 (NDPS अधिनियम) के तहत प्रावधान लागू होते हैं। इस अधिनियम में ड्रग तस्करी, कब्जा, सुप्लाई आदि को अवैध माना गया है, और आरोपी के खिलाफ उस अनुसार मामला दर्ज होता है।

1 किलो गांजा में कितनी सजा होती है?

कानून में सज़ा तय करते समय सिर्फ मात्रा (जैसे 1 किलो) के अलावा कई अन्य बातें देखी जाती हैं — जैसे गांजा कैसे मिला, सप्लाई किसे करना था, आरोपी का पूर्व रिकॉर्ड, और मामला किस प्रकार का है (तस्करी, कब्जा, सेवन, सुप्लाई)। इसलिए “1 किलो” के लिए एक निश्चित सज़ा नहीं कही जा सकती। साधारणतया, यदि सुप्लाई/तस्करी का साबित हो, तो NDPS अधिनियम के तहत भारी सज़ा हो सकती है।

मानव तस्करी की सज़ा क्या है?

मनुष्य या मानव तस्करी (human trafficking) के लिए भारत में Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956 (यदि सेक्स ट्रेड से जुड़ा हो) या अन्य अपराध/मानव तस्करी से संबंधित कानूनों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, यदि बंधुआ मजदूरी, बेड़बंदी, श्रम शोषण, अवैध निर्यात-आयात आदि शामिल हो, तो संबंधित IPC की धाराएँ भी लागू होती हैं। सज़ा घटना की प्रकार, पीड़ित की संख्या, लाभ-हानि, और अन्य कारकों के अनुसार तय की जाती है — जिसमें कई सालों की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है।

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