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News Hindi : कविता की टिप्पणियों से भड़के बीआरएस नेता

Ajay Kumar Shukla
Ajay Kumar Shukla
News Hindi : कविता की टिप्पणियों से भड़के बीआरएस नेता

पार्टी में बढ़ी राजनीतिक गर्मी

हैदराबाद। तेलंगाना जागृति अध्यक्ष कल्वकुंतला कविता (Kalvakuntala Kavita) द्वारा हाल ही में कई बीआरएस नेताओं पर की गई टिप्पणियों ने पार्टी के भीतर राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। पूर्व मंत्रियों और विधायकों पर उनके सार्वजनिक आरोपों के बाद अब गुलाबी पार्टी के नेताओं की ओर से तीखे पलटवार शुरू हो गए हैं, जिससे अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है। कविता, जो बीते कुछ समय से अपने पिता व पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekhar Rao) से दूरी बनाती दिख रही हैं, “जागृति जनम बाटा” कार्यक्रमों के दौरान लगातार BRS नेताओं को निशाने पर ले रही हैं।

कविता के आरोपों को कृष्णा राव ने सिरे से किया खारिज

पूर्व मंत्री मल्लारेड्डी और जीएचएमसी क्षेत्र के बीआरएस विधायकों पर उनके ताज़ा आरोप—खासकर कुकटपल्ली विधायक माधवराम कृष्णा राव पर जमीन से जुड़े अनियमितताओं के आरोपने राजनीतिक हलचल मचा दी है। कविता की टिप्पणियों पर BRS नेताओं के कड़े जवाबों ने इस विवाद को अब सीधा राजनीतिक टकराव बना दिया है। कृष्णा राव ने कविता के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन पर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया।

पूर्व मंत्री टी. हरीश राव को घेरने की कोशिश

उन्होंने यह भी दावा किया कि कविता, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के साथ मिलकर BRS के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव और पूर्व मंत्री टी. हरीश राव को घेरने की कोशिश कर रही हैं। इधर कविता भी बीआरएस के दस साल के शासनकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को सार्वजनिक मंचों पर उठाती जा रही हैं। उनके लगातार बयानों से बीआरएस नेतृत्व मुश्किल में दिख रहा है और कई नेता इससे उपजे राजनीतिक नुकसान को संभालने में जुटे हैं। तेज़ होती बयानबाज़ी अब पूरी तरह राजनीतिक संघर्ष का रूप ले चुकी है, जिससे तेलंगाना का सियासी तापमान और बढ़ गया है।

तेलंगाना जागृति के संस्थापक कौन है?

इस संगठन की स्थापना के. कविता द्वारा की गई थी, जो तेलंगाना की संस्कृति, भाषा और राज्य आंदोलन से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सक्रिय रहीं। उनकी पहल का उद्देश्य युवा शक्ति को सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़कर तेलंगाना पहचान को मजबूत करना था।

2025 में तेलंगाना में किसकी सरकार है?

2023 विधानसभा चुनावों के बाद बनी सरकार के आधार पर 2025 में राज्य की बागडोर कांग्रेस पार्टी के हाथ में है और मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी नेतृत्व कर रहे हैं। इस अवधि में प्रशासनिक सुधार, विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

तेलंगाना भारत का 29वां राज्य कब बना था?

भारतीय संघ में यह राज्य 2 जून 2014 को आधिकारिक रूप से शामिल हुआ, जब आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद इसे स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला। यह दिन तेलंगाना के लोगों के लंबे संघर्ष और आंदोलन की ऐतिहासिक सफलता का प्रतीक माना जाता है।

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