तेलंगाना आंदोलन के प्रति समर्थन को किया याद
हैदराबाद। बीआरएस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन का निधन राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों, संघीय भावना और आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है। एक बयान में, चंद्रशेखर राव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। Shibu Soren के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए, बीआरएस प्रमुख ने कहा कि झारखंड राज्य आंदोलन में इस वरिष्ठ नेता की भूमिका ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के गठन को प्रेरित किया। उन्होंने याद दिलाया कि 2001 में हैदराबाद में टीआरएस (TRS) की उद्घाटन बैठक में सोरेन पहले अतिथि थे और तेलंगाना आंदोलन के प्रबल समर्थक रहे।
संघीय न्याय का प्रतीक थे शिबू सोरेन
चंद्रशेखर राव ने कहा कि Shibu Soren का तेलंगाना के लिए नैतिक और राजनीतिक समर्थन, क्षेत्रीय एकजुटता और संघीय न्याय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन यूपीए गठबंधन सरकार के हिस्से के रूप में झामुमो ने संसद में तेलंगाना के गठन के लिए दबाव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने 2022 में राज्य बनने के बाद शिबू सोरेन से हुई मुलाक़ात को भी याद किया, जहाँ उन्होंने आभार व्यक्त किया और उनका आशीर्वाद लिया था। उन्होंने आगे कहा, ‘उनकी विरासत भारत की संघीय यात्रा के इतिहास में हमेशा अंकित रहेगी।’ बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने Shibu Soren को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और तेलंगाना राज्य आंदोलन के दौरान उनके अटूट समर्थन को याद किया। उन्होंने Shibu Soren को भारतीय राजनीति में एक महान व्यक्तित्व और आदिवासी अधिकारों एवं क्षेत्रीय आत्मनिर्णय के लिए एक अथक योद्धा बताया।
मूल्य राष्ट्र की सामूहिक चेतना में रहेंगे अंकित
उन्होंने कहा, ‘उनका निधन सिर्फ़ एक व्यक्तिगत क्षति नहीं है। यह न्याय, पहचान और गरिमा से प्रेरित एक युग का अंत है।’ उन्होंने तेलंगाना की जनता और बीआरएस परिवार की ओर से हेमंत सोरेन और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। रामा राव ने कहा कि शिबू सोरेन का दृष्टिकोण और मूल्य राष्ट्र की सामूहिक चेतना में अंकित रहेंगे। उन्होंने तेलंगाना आंदोलन के उथल-पुथल भरे वर्षों में बीआरएस अध्यक्ष चंद्रशेखर राव को शिबू सोरेन द्वारा प्रदान की गई नैतिक शक्ति को याद किया।

शिबू सोरेन कितनी बार मुख्यमंत्री बने थे?
झारखंड के शिबू सोरेन तीन बार मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन तीनों ही बार उनका कार्यकाल छोटा और राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित रहा।
शिबू सोरेन कौन हैं?
झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक हैं। वे आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले वरिष्ठ राजनेता और कई बार सांसद भी रह चुके हैं।
दुर्गा सोरेन की मृत्यु किससे हुई थी?
दुर्गा सोरेन, जो शिबू सोरेन के पुत्र थे, उनका निधन 2009 में दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ था। वे भी राजनीति में सक्रिय थे।
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