हैदराबाद । टीपीसीसी अध्यक्ष (TPCC President) व एमएलसी महेश कुमार गौड़ ने कहा कि महान खिलाड़ी (Legendary Player) अज़हरुद्दीन को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं, तो भाजपा और बीआरएस इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा और बीआरएस के बीच के काले समझौते को समझना चाहिए
उन्होंने कहा कि अज़हरुद्दीन ने लंबे समय तक कप्तान के रूप में देश की सेवा की है। लोगों को भाजपा और बीआरएस के बीच के काले समझौते को समझना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री अज़हरुद्दीन को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं, तो भाजपा इसे रोकने की चालाक कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि देश और राज्य की जनता अज़हरुद्दीन के बारे में नहीं जानती है।
शिकायत चुनाव आयोग से शिकायत दुखद : कांग्रेस
उन्होंने केवल खेल जगत में, बल्कि एक सांसद के रूप में भी जनता की सेवा की है। महेश कुमार गौड़ ने कहा कि यह दुखद है कि भाजपा नेताओं ने अज़हरुद्दीन को मंत्री बनाए जाने की शिकायत चुनाव आयोग से की है। अज़हरुद्दीन को अनैतिक तरीके से मंत्री बनाया जा रहा है, भाजपा और बीआरएस इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा का दोहरा रवैया लोगों को जानना ज़रूरी है। इससे पहले, भाजपा ने राजस्थान में एक उपचुनाव उम्मीदवार को मंत्री बनाया था।

श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से भाजपा के उपचुनाव उम्मीदवार सुरेंद्र पाल सिंह को उपचुनाव से 20 दिन पहले कैबिनेट में शामिल किया गया था। क्या उपचुनाव वाले उम्मीदवार को मंत्री बनाना गलत है? मैं भाजपा नेताओं से सीधे पूछ रहा हूँ कि अज़हरुद्दीन के मंत्री बनने में क्या गलत है? भाजपा राज्य के राज्यपाल पर अज़हरुद्दीन को शपथ न दिलाने का दबाव बना रही है।
अज़हरुद्दीन के शपथ ग्रहण में बाधा डाल रही है भाजपा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया है कि पूर्व सीएम केसीआर की बेटी कविता ने खुद कहा है कि बीआरएस भाजपा से मिलीभगत कर रही है। भाजपा अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुँचाने के इरादे से अज़हरुद्दीन के शपथ ग्रहण में बाधा डाल रही है। ऐसी जानकारी है कि केंद्र में भाजपा राज्यपाल पर दबाव बना रही है। जुबली हिल्स के लोग समझदार हैं। कांग्रेस पार्टी की हार तय है। अज़हरुद्दीन और कोदंडराम को एमएलसी मनोनीत कर कैबिनेट राज्यपाल के पास भेजा गया। वहाँ एक मामला लंबित है। हमें विश्वास है कि हम अदालत में जीतेंगे। अज़हरुद्दीन का कैबिनेट में शामिल होना तय है। मुझे विश्वास है कि अज़हरुद्दीन मंत्री के रूप में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काम करेंगे।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने क्रिकेट क्यों छोड़ा था?
अज़हरुद्दीन को मैच फिक्सिंग (Match Fixing) के आरोपों के कारण क्रिकेट छोड़ना पड़ा।
साल 2000 में सीबीआई की जाँच रिपोर्ट में उनका नाम सामने आया था, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन पर आजीवन प्रतिबंध (Life Ban) लगा दिया।
अजहरुद्दीन का क्रिकेट में रिकॉर्ड क्या है?
अज़हरुद्दीन अपने खूबसूरत बल्लेबाजी स्टाइल और फुर्तीले फील्डिंग के लिए भी प्रसिद्ध थे।
अजहरुद्दीन ने संन्यास कब लिया था?
मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने 2000 में क्रिकेट से संन्यास (Retirement) ले लिया था, जब मैच फिक्सिंग विवाद के बाद उन पर प्रतिबंध लगाया गया था।
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