मिशन काकतीय ने जलाशयों में जल स्तर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
हैदराबाद। इस हफ़्ते लगातार बारिश के कारण शहर और उपनगरों के कई जलाशयों में जलस्तर बढ़ गया है। फ़ॉक्स सागर झील (Fox Sagar Lake), सरूरनगर झील, प्रगतिनगर झील, गोपी चेरुवु, बुथुकम्मा कुंटा (Buthukamma Kunta) से लेकर अमीनपुर झील तक, इन झीलों में हाल के दिनों में अच्छी आवक दर्ज की गई है। पिछली बीआरएस सरकार द्वारा झीलों के पुनरुद्धार के लिए शुरू किए गए मिशन काकतीय ने इस मानसून में जलाशयों में जल स्तर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जलाशयों से सटी कॉलोनियों के निवासियों को उम्मीद है कि हाल ही में हुई भारी बारिश ने न केवल झीलों को भर दिया है, बल्कि भूजल स्तर में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है।
जलस्तर में और हो सकता है सुधार
शहर और आसपास के जिलों में जल निकायों की निगरानी करने वाले अधिकारियों को जानकारी मिल रही है कि कुछ झीलें लबालब भर गई हैं, जबकि अन्य में पानी का प्रवाह काफी बढ़ रहा है। हुसैन सागर झील प्रभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश से जलाशयों में जल स्तर बढ़ गया है, जैसा कि बारिश से पहले और बाद के तुलनात्मक आंकड़ों से पता चलता है। एक अधिकारी ने बताया कि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश होने का अनुमान लगाया है, जिससे शहर में जलस्तर में और सुधार हो सकता है।
5,000 जल नमूने एकत्र करता है बोर्ड
इस बीच, प्रमुख पेयजल स्रोतों—गोदावरी, कृष्णा और दोनों जलाशयों—में नए जल प्रवाह के कारण पानी की आपूर्ति का रंग थोड़ा बदल गया है। हैदराबाद महानगर जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड ( HMWSSB ) के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पानी की गुणवत्ता पीने योग्य बनी रहे। जल बोर्ड जलापूर्ति के समय विभिन्न स्रोतों से औसतन 5,000 जल नमूने एकत्र करता है और गुणवत्ता, आश्वासन और परीक्षण प्रयोगशाला में प्रतिदिन उनका परीक्षण करता है।

मानसून क्या है?
पृथ्वी के तापमान में भिन्नता के कारण उत्पन्न होने वाली मौसमी हवाओं को मानसून कहते हैं। यह हवाएं समुद्र से धरती की ओर नमी लेकर आती हैं, जिससे वर्षा होती है। भारत में जून से सितंबर तक का समय दक्षिण-पश्चिम मानसून का होता है, जो कृषि के लिए अत्यंत आवश्यक है।
मानसून से आप क्या समझते हैं?
एक मौसमी वायुप्रणाली के रूप में मानसून वर्षा, तापमान और हवाओं के बदलाव को दर्शाता है। इसमें गर्मियों के मौसम में समुद्र से उठी नम हवाएं धरती से टकराकर भारी वर्षा करती हैं। मानसून केवल मौसम नहीं, बल्कि भारतीय कृषि, जल स्रोतों और जीवनशैली का आधार भी है।
मानसून क्या है और इसकी उत्पत्ति कैसे होती है?
धरती और समुद्र के तापमान में असमानता के कारण जब गर्मियों में भूमि जल्दी गर्म होती है, तो वहाँ कम दबाव बनता है। समुद्र की ठंडी हवाएं इस ओर खिंचती हैं और नमी से भरी ये हवाएं वर्षा करती हैं। यही मौसमी पवन प्रणाली मानसून कहलाती है, जो भारत में जीवन रेखा मानी जाती है।
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