वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की अधिसूचना जारी की है, जो 27 अगस्त 2025 से लागू होगी। यह टैरिफ रूस (Russia) से तेल खरीद के जवाब में लगाया गया है, जिससे भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है, जो ब्राजील के बराबर है.
यह कदम भारत के 87 बिलियन डॉलर के अमेरिकी निर्यात, जो जीडीपी का 2.5% है, को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स और सेमीकंडक्टर्स जैसे क्षेत्रों को छूट दी गई है। भारत के पास इस टैरिफ का प्रभाव कम करने के लिए चार विकल्प हैं।
पहला विकल्प: नए बाजारों की तलाश
उच्च टैरिफ के कारण अमेरिकी बाजार में निर्यात मुश्किल होने से भारत यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ा सकता है। इससे अमेरिका पर निर्भरता कम होगी
दूसरा विकल्प: जवाबी टैरिफ
भारत अमेरिकी आयात जैसे पेकान नट्स और ऑटोमोबाइल पर जवाबी टैरिफ लगा सकता है। यह कदम विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत हो सकता है।
तीसरा विकल्प: व्यापार वार्ता
भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में टैरिफ कम करने पर जोर दिया जा सकता है। मार्च 2025 से शुरू हुई पांच दौर की बातचीत में प्रगति हुई है।
चौथा विकल्प: घरेलू उद्योगों को सब्सिडी
टेक्सटाइल और आईटी जैसे प्रभावित क्षेत्रों को सब्सिडी देकर भारत नुकसान कम कर सकता है। यह रोजगार और अर्थव्यवस्था को स्थिर रखेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत वाशिंगटन के दबाव के बावजूद रास्ता निकालेगा फिच रेटिंग्स का अनुमान है कि टैरिफ का जीडीपी पर असर सीमित रहेगा
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