अहमदाबाद में एअर इंडिया (Air India)का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के एक सप्ताह बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation)ने विमान सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली संरचनाओं पर नियंत्रण को और कड़ा करने के लिए नए मसौदा नियम जारी किया है। यह मसौदा 18 जून को जारी किया गया था और आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद यह लागू हो जाएगा।
नई दिल्ली । अहमदाबाद में एअर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के एक सप्ताह बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली संरचनाओं पर नियंत्रण को और कड़ा करने के लिए नए मसौदा नियम जारी किया है। यह मसौदा 18 जून को जारी किया गया था और आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद यह लागू हो जाएगा।
हवाई अड्डों के पास से ऊंचे भवन और पेड़ जैसे अवरोध हटाए जाएंगे
नया नियम लागू होने के बाद हवाई अड्डों (Air Port)के पास से ऊंचे भवन और पेड़ जैसे अवरोध हटाए जाएंगे या उनकी ऊंचाई कम कर दी जाएगी। इन नियमों का उद्देश्य अधिकारियों को हवाई अड्डा क्षेत्रों में सीमा से अधिक ऊंचाई वाले पेड़ों और भवनों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की शक्ति देना है।
इसे उड़ान पथ में अवरोध के कारण होने वाली संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। मसौदे के तहत निर्धारित ऊंचाई सीमा का उल्लंघन करने वाली किसी भी संरचना को हवाई अड्डे के प्रभारी अधिकारी द्वारा नोटिस दिया जा सकता है।
मालिकों को साठ दिनों के भीतर करनी होगी कार्रवाई
मालिकों को साठ दिनों के भीतर संरचना के आयाम और आगामी योजना सहित विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करनी होगी। नियमों का अनुपालन नहीं करने पर ढांचे का विध्वंस या ऊंचाई में कमी जैसी कार्रवाई की जा सकती है।
मसौदे में कहा गया है कि संबंधित हवाई अड्डे के प्रभारी अधिकारी को तत्काल महानिदेशक या उनके द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी को ऐसे उल्लंघन की रिपोर्ट भेजनी चाहिए।
भौतिक सत्यापन जरूरी
भौतिक सत्यापन के लिए अधिकारियों को मालिक को सूचित करने के बाद दिन के उजाले में परिसर में प्रवेश करने का अधिकार है। भवन का मालिक यदि असहयोग करता है, तो अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर आगे बढ़ सकते हैं और मामले को डीजीसीए को भेज सकते हैं।
मसौदे में आगे कहा गया है कि महानिदेशक को ब्योरा भेजने से पहले हवाई अड्डे के प्रभारी अधिकारी को ब्योरे की सत्यता के बारे में स्वयं संतुष्ट होना होगा और इसके लिए उसे संबंधित परिसर में प्रवेश करने और भवन या वृक्ष की ऊंचाई का भौतिक सत्यापन करने का अधिकार होगा। दिन के समय और मालिक को पूर्व सूचना के साथ भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
भवन का मालिक भौतिक सत्यापन के पूर्ण सहयोग देने के लिए बाध्य होगा
भवन का मालिक भौतिक सत्यापन के दौरान पूर्ण सहयोग देने के लिए बाध्य होगा। उसके द्वारा सहयोग नहीं किए जाने पर प्रभारी अधिकारी मामले की सूचना जिला कलेक्टर को देंगे। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि आदेश के अनुसार तोड़फोड़ या छंटाई का कार्य किया जाए।
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