गाजीपुर, 23 अगस्त 2025: दिवंगत माफिया-नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के छोटे बेटे उमर अंसारी (Umar Ansari) को गाजीपुर जिला जेल से कासगंज जेल में अचानक स्थानांतरित कर दिया गया। यह कार्रवाई शनिवार तड़के 6 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच हुई, जिसने उनके परिवार और समर्थकों में हलचल मचा दी।
फर्जी हस्ताक्षर का है आरोप
उमर पर अपनी मां अफ्शां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर के साथ गाजीपुर कोर्ट में जाली दस्तावेज जमा करने का आरोप है। यह दस्तावेज 10 करोड़ रुपये की कुर्क संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत छुड़ाने के लिए जमा किए गए थे। उनकी मां अफ्शां फरार हैं, और उन पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित है। उमर की जमानत याचिका हाल ही में खारिज हुई थी, और उनकी गिरफ्तारी 4 अगस्त 2025 को लखनऊ से हुई थी।
SP डॉ. ईरज राजा ने बताया-
सुरक्षा कारणों के चलते उमर को कासगंज जेल शिफ्ट किया गया। उमर की जेल शिफ्टिंग को लेकर अब्बास अंसारी ने बताया- हमें और हमारे परिवार को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई।
उमर को मां अफसा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर मामले में 3 अगस्त को पुलिस ने छापा मारकर लखनऊ से गिरफ्तार किया था। तब से वह गाजीपुर में जेल में बंद थे। आरोप है कि उमर ने फरार चल रही अपनी मां और एक लाख की इनामी अफसा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर कर अदालत में याचिका दाखिल की थी, ताकि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई संपत्ति को छुड़ाया जा सके।
इस बीच, उमर के वकील लियाकत अली की जमानत भी खारिज हो चुकी है। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है, और फॉरेंसिक जांच में दस्तावेजों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए हैं। यह ट्रांसफर प्रशासनिक पारदर्शिता और अंसारी परिवार के खिलाफ कार्रवाइयों पर सवाल उठा रहा है।
2 दिन पहले बड़े भाई अब्बास की विधायकी बहाल हुई
2 दिन पहले उमर के बड़े भाई अब्बास की हेट स्पीच मामले विधायकी बहाल हुई। 21 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने मऊ की MP/MLA कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें अब्बास को 2 साल की सजा सुनाई गई थी।
दरअसल, अब्बास ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर होगा। इसके बाद शहर कोतवाली में हेट स्पीच की FIR दर्ज हुई थी। 31 मई को मऊ की MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई।
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