हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत प्रख्यात वकील उज्ज्वल निकम (Ujjwal Nikam) ने 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि यदि अभिनेता संजय दत्त ने उस समय हथियारों से लदी वैन की जानकारी पुलिस को दी होती, तो शायद 257 लोगों की जान लेने वाले और सैकड़ों को घायल करने वाले इन धमाकों को रोका जा सकता था। यह बयान निकम ने एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में दिया।
मुंबई बम धमाकों में सरकार के वकील थे निकम
निकम, जो 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में विशेष सरकारी वकील थे, ने बताया कि धमाकों से कुछ समय पहले गैंगस्टर अबू सलेम, जो दाऊद इब्राहिम का करीबी था, हथियारों से भरी एक वैन लेकर संजय दत्त के घर पहुंचा था। इस वैन में हैंड ग्रेनेड और एके-47 राइफलें थीं।
संजय ने कुछ हथियार, जिसमें एक एके-47 शामिल थी, अपने पास रख लिए और बाकी वापस कर दिए। निकम का कहना है कि यदि संजय ने इस घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी होती, तो जांच शुरू हो सकती थी और धमाकों की साजिश को नाकाम किया जा सकता था।
व्यक्तिगत रूप से मानता हूँ संजय दत्त को निर्दोष
हालांकि, निकम ने यह भी स्पष्ट किया कि वह व्यक्तिगत रूप से संजय दत्त को निर्दोष मानते हैं। उनके अनुसार, संजय ने हथियारों के प्रति आकर्षण के कारण एके-47 अपने पास रखी थी, लेकिन वह धमाकों की साजिश में शामिल नहीं थे।
कानूनी तौर पर, संजय को टाडा अदालत ने आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया था और छह साल की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने घटाकर पांच साल कर दिया। संजय ने अपनी सजा पुणे की येरवाड़ा जेल में काटी।
निकम ने साक्षात्कार में यह भी बताया कि टाडा अदालत में सुनवाई के दौरान संजय डर गए थे, जब उन्हें डांटा गया था। यह बयान अब विवाद का विषय बन गया है, क्योंकि यह 1993 के धमाकों से जुड़े संजय दत्त के मामले को फिर से चर्चा में ला रहा है।
निकम, जिन्होंने 26/11 मुंबई हमले जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में अभियोजन पक्ष का नेतृत्व किया, इस बयान के कारण एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनका यह दावा कि संजय की चुप्पी ने धमाकों को रोकने का मौका गंवाया, ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
UPSC ORA की नई नोटिफिकेशन.. https://upsconline.gov.in/ora/VacancyNoticePub.php
मुंबई बम ब्लास्ट कब हुआ था?
१९९३ मुंबई बम विस्फोट / शुरू होने की तारीख
12 आतंकवादी बम विस्फोटों की एक श्रृंखला थी जो मुख्य रूप से 12 मार्च 1993 को बॉम्बे (अब मुंबई ), महाराष्ट्र में हिंदू बहुल क्षेत्रों में हुई थी। एक ही दिन के हमलों में 257 मौतें हुईं और 1,400 घायल हुए।
2011 में मुंबई में क्या हुआ था?
२०११ मुंबई बम विस्फोट 13 जुलाई 2011 मुंबई बम विस्फोट मुंबई के तीन अलग-अलग स्थानों पर 13 जुलाई 2011 को भारतीय मानक समय के अनुसार 18:54 और 19:06 के बीच हुई तीन बम विस्फोटों की श्रृंखला को कहा जाता है। इन धमाकों में कुल 19 लोगों की मृत्यु हो गयी थी, और 130 से अधिक लोग घायल हो गए थे।