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UP के 12 जिलों में बाढ़ के हालात, 7 जिलों में भारी बारिश के आसार

Anuj Kumar
Anuj Kumar
UP के 12 जिलों में बाढ़ के हालात, 7 जिलों में भारी बारिश के आसार

उत्तर प्रदेश (UP) के तेज बारिश के कारण 12 जिलों में बाढ़ के हालात हैं। इनमें प्रयागराज, काशी जिले शामिल हैं। वाराणसी और प्रयागराज (Pryagraj) में गंगा का पानी एक लाख से अधिक घरों में घुस गया है। रविवार सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 20 CM ऊपर बह रहा है, खतरे का निशान 71.4 मीटर है। आज राज्य के 71 जिलों में बारिश का अलर्ट है। 7 जिलों में बहुत तेज बारिश हो सकती है।

बिहार के 38 जिलों में रविवार का तेज आंधी-बारिश का अलर्ट है

बिहार के सभी 38 जिलों में रविवार का तेज आंधी-बारिश का अलर्ट है। 18 जिलों में ऑरेंज तो 20 जिलों में यलो अलर्ट है। बीते 24 घंटे में पटना समेत 13 जिलों में बारिश हुई। पटना में 666.20mm बारिश दर्ज की गई है। यहां सड़कों पर 2 फीट तक पानी भरा।

राजस्थान के 9 जिलों में भी बारिश का यलो अलर्ट है

मध्य प्रदेश में 9 जिलों में आज तेज बारिश (Heavy Rain) हो सकती है। अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। साथ ही अगले 2 दिन तक ऐसा मौसम बना रहेगा। हिमाचल प्रदेश के शिमला में मलबा हटा रही JCB पर पहाड़ी से बड़ा से पत्थर गिरा। JCB खाई में गिरी, घटना में ड्राइवर की मौत हो गई। राजस्थान के 9 जिलों में भी बारिश का यलो अलर्ट है। यहां बीकानेर के नोखा में दो मकान ढह गए। आस-पास के 7 मकान भी खाली कराए गए हैं। हनुमानगढ़ में भी एक मकान गिरा। इधर, यूपी में गंगा-यमुना, बेतवा नदियां उफान पर हैं। काशी में सभी 84 घाट गंगा में डूबे हैं। प्रयागराज में भी गंगा-यमुना का पानी 10 हजार घरों में भर गया।

असम, मेघालय समेत 5 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट

देशभर में मानसून जमकर बरस रहा है। मौसम विभाग ने रविवार को असम, मेघालय समेत 5 जिलों में बारिश का रेड, बिहार-उत्तराखंड समेत 6 जिलों में ऑरेंज और राजस्थान-मध्य प्रदेश समेत 15 जिलो में यलो अलर्ट जारी किया है

बाढ़ को 150 शब्दों में क्या कहते हैं?

बाढ़ एक प्रकार की प्राकृतिक आपदा है जो किसी स्थान पर लंबे समय तक भारी और लगातार वर्षा के कारण हो सकती है । भारी वर्षा, चक्रवात, तूफान आदि किसी क्षेत्र में बाढ़ का कारण बन सकते हैं।

आपदा को 100 शब्दों में क्या कहते हैं?

आपदाएँ किसी समुदाय के कामकाज में गंभीर व्यवधान हैं जो उसके अपने संसाधनों का उपयोग करके निपटने की क्षमता से परे हैं । आपदाएँ प्राकृतिक, मानव निर्मित और तकनीकी खतरों के साथ-साथ विभिन्न कारकों के कारण हो सकती हैं जो किसी समुदाय के जोखिम और भेद्यता को प्रभावित करते हैं।

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