बिहार में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। शुक्रवार से शुरू हुई लगातार बारिश ने प्रदेश के कई जिलों में गर्मी और उमस से राहत दी है। खासकर किसानों के चेहरों पर इस बारिश से राहत की मुस्कान लौट आई है, क्योंकि खेतों में धान की रोपाई अब रफ्तार पकड़ रही है। शनिवार को भी मौसम का मिजाज बना हुआ है, और सुबह से ही कई जिलों में रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो आज भी कई हिस्सों में तेज बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
इन जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि औरंगाबाद, रोहतास और भभुआ में भारी बारिश की आशंका है। इसके अलावा पटना, गया, बक्सर, बेगूसराय समेत कुल 14 जिलों में मध्यम से हल्की बारिश हो सकती है। राज्य के 26 जिलों में वज्रपात (Lightning Alert in Bihar) की चेतावनी भी जारी की गई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने की घटनाएं अक्सर जानलेवा होती हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।
दो दिन और छाए रहेंगे बादल, बारिश से गिरी तापमान की रफ्तार
उत्तर बिहार में सक्रिय दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon in Bihar) की वजह से अगले 48 घंटे तक बादलों का डेरा बना रहेगा। बारिश के चलते अधिकतम तापमान घटकर 32.1°C पहुंच गया है, जो सामान्य से एक डिग्री नीचे है। वहीं न्यूनतम तापमान 27.4°C रिकॉर्ड किया गया, जो पहले से एक डिग्री कम है। इस मौसम में बदलाव के कारण गर्मी से राहत मिली है।
धान की खेती को मिली नई ऊर्जा
बारिश से सबसे बड़ा फायदा किसानों को मिला है। खेतों में धान और अन्य खरीफ फसलों की रोपाई (Paddy Plantation in Bihar) अब तेजी से हो रही है। बारिश जितनी देर तक चलती है, उतना ही खरीफ फसलों को फायदा होता है, इसलिए किसान अब लगातार खेतों में सक्रिय हैं।
बिहार में सामान्य वर्षा कितनी है?
राज्य के पश्चिम-मध्य भाग में सामान्य औसत वार्षिक वर्षा लगभग 40 इंच (1,000 मिमी) से लेकर सुदूर उत्तरी भाग में 60 इंच (1,500 मिमी) से अधिक तक होती है। राज्य में लगभग सारी वर्षा जून और अक्टूबर के बीच होती है, जुलाई और अगस्त वर्ष के सबसे अधिक वर्षा वाले महीने होते हैं।
बिहार के किस जिले में सबसे कम वर्षा होती है?
औरंगाबाद बिहार के सबसे शुष्क ज़िलों में से एक है। यहाँ होने वाली बारिश राज्य की सामान्य बारिश से काफ़ी कम है। बिहार में 760 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 1,017 मिमी से कम है। ख़ासकर औरंगाबाद में बिहार के अन्य हिस्सों की तुलना में और भी कम बारिश होती है।
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