नई दिल्ली,। उत्तर भारत में अचानक मौसम की बेरुखी ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड में बर्फबारी (Snowfall in Uttarakhand) और भूस्खलन ने हालात को गंभीर बना दिया है, वहीं बिहार और मैदानी इलाकों में लौटते मानसून ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
जम्मू-कश्मीर में रेस्क्यू ऑपरेशन
डोडा जिले में सेना ने बर्फीले तूफान में फंसे बकरवाल समुदाय के 25 आदिवासियों और उनके पालतू जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाला। खराब मौसम के कारण पिछले तीन दिनों से वैष्णो देवी यात्रा बंद थी, जो बुधवार से फिर शुरू हो गई और श्रद्धालु दर्शन के लिए रवाना हुए।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन भी बर्फबारी जारी है। लाहौल-स्पीति का तापमान -0.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जबकि बिलासपुर में भूस्खलन से करीब 15 लोगों की मौत हो गई।
उत्तराखंड में बर्फबारी का असर
बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) में इस सीजन की पहली बर्फबारी दर्ज की गई। हेमकुंड साहिब में दो से तीन इंच तक बर्फ जमी है, जबकि केदारनाथ का तापमान 5 डिग्री तक गिर गया। चारधाम यात्रा के दूसरे चरण में रोजाना पांच हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
बिहार और मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा
लौटते मानसून और नेपाल में भारी बारिश के कारण बिहार की कई नदियां उफान पर हैं। सुपौल में 5 हजार से अधिक घरों में पानी भर गया, जबकि मधुबनी जिले में करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दिन-रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंडी हवाओं के चलते तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है।
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