देहरादून,। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (Badrinath Highway) पर भारी बरसात के कारण 32 नए भूस्खलन जोन बन गए हैं। हाईवे पर अब 45 पुराने चिह्नित जोन के अलावा 32 नए भूस्खलन जोन हो गए हैं। भूस्खलन और भूधंसाव के कारण हाईवे कई जगहों पर अति संवेदनशील हो गया है। टीएचडीसी के विशेषज्ञ दल ने इन 32 नए भूस्खलन जोन (Landslide Zone) का स्थलीय निरीक्षण कर दिया है। टीएचडीसी द्वारा अब डीपीआर तैयार की जा रही है, जिसे स्थायी ट्रीटमेंट के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा।
ऑलवेदर रोड परियोजना के बाद बढ़े भूस्खलन जोन
ऑलवेदर रोड परियोजना में 2016 में चौड़ीकरण शुरू होने के बाद कटान से जगह-जगह भूस्खलन जोन पैदा हुए थे। पहले चरण में 22 चिह्नित भूस्खलन जोन का स्वाइल एवं राक एकरिंग तकनीक से स्थायी ट्रीटमेंट किया जा रहा है (70 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा)। दूसरे चरण में 24 भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर को स्वीकृति मिल चुकी है।
हाईवे के कई हिस्से अति संवेदनशील
सम्राट होटल से नरकोटा (Narkota) तक करीब एक किलोमीटर का क्षेत्र सबसे ज्यादा संवेदनशील है, जहां पहाड़ी दरक रही है और अक्सर यातायात बाधित होता है। तोताघाटी के संवेदनशील जोन में ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत तीखे मोड़ खत्म कर दिए गए हैं और सुरक्षा दीवार का निर्माण हो रहा है।
नए भूस्खलन जोन के प्रमुख स्थान
स्वीत पुल, सम्राट होटल के समीप, फरासू, ब्रह्मपुरी, तिमलापानी, शिवपुरी, कौडियाला, महादेव चट्टी, सकनीधार, भीत गांव, देवप्रयाग संगम, मुल्यागांव, मलेथा, कीर्तिनगर के समीप, और उफ्ल्टा।
स्थिति सुधारने के प्रयास जारी
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड, श्रीनगर गढ़वाल के अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह चौहान के अनुसार, जल्द ही स्थायी सुधारीकरण के लिए डीपीआर तैयार होगी और आगामी यात्राकाल तक हाईवे की स्थिति काफी ठीक हो जाएगी।
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