IMD ने जारी किया अलर्ट
- IMD (India Meteorological Department) ने उत्तराखंड में कुछ जिलों के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें देहरादून, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पौड़ी गढ़वाल और उद्घम सिंह नगर शामिल हैं। यह अलर्ट 4 अगस्त 2025 से 3 दिनों के लिए प्रभावी रहेगा
- इसके अलावा, उत्तरकाशी और पर्वतीय क्षेत्रों में भी तेज बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे भूस्खलन और जलभराव का खतरा बढ़ गया है
Uttarakhand Weather : उत्तराखंड (Uttarakhand) के विभिन्न हिस्से में कई दिनों से लगातार बारिश (Rain) हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
Uttarakhand Weather : उत्तराखंड में मौसम इस वक्त काफी संवेदनशील है। राज्य के विभिन्न हिस्से में कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक भी उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बादल फटने और चट्टान गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
आज उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की भीषण घटना सामने आई। यहां के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। कुछ ही सेकंड में पूरा गांव सैलाब में बह गया।
इस त्रासदी से हुए नुकसान का अभी अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत, 40 से ज्यादा लोगों के लापता होने और 100 से ज्यादा के फंसे होने की जानकारी है। वहीं, इस विनाशकारी बाढ़ में 5 होटल पूरी तरह बहकर तबाह हो गए। बाढ़ आने से 10 से 12 मजदूरों के भी दबे होने की आशंका है।
उत्तराखंड में मौसम
Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मौसम इस वक्त काफी संवेदनशील है। राज्य के विभिन्न हिस्से में कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक भी उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बादल फटने और चट्टान गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
आज उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की भीषण घटना सामने आई। यहां के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। कुछ ही सेकंड में पूरा गांव सैलाब में बह गया। इस त्रासदी से हुए नुकसान का अभी अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत, 40 से ज्यादा लोगों के लापता होने और 100 से ज्यादा के फंसे होने की जानकारी है। वहीं, इस विनाशकारी बाढ़ में 5 होटल पूरी तरह बहकर तबाह हो गए। बाढ़ आने से 10 से 12 मजदूरों के भी दबे होने की आशंका है।
प्रमुख प्रभावित जिलों की सूची
- देहरादून
- नैनीताल
- चंपावत
- बागेश्वर
- पौड़ी गढ़वाल
- उदघम सिंह नगर
- साथ ही उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग इत्यादि पर्वतीय जिलों में भी खतरा मंडरा रहा है
बारिश के चलते सड़कों पर जलभराव
प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के चलते सड़कों पर जलभराव हो गया, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे जगह-जगह बंद होने के साथ ही प्रदेश में लगभग 59 सड़के बंद पड़ी है। इसके साथ ही, यमुनोत्री और गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह बंद है। यमुनोत्री हाईवे पर डबरानी के पास पहाड़ से मलबा आने के कारण रास्ता बंद हो गया है।
उत्तराखंड में औसत वर्षा कितनी होती है?
2023 का मानसून सीजन सामान्य वर्षा के साथ समाप्त हुआ, जो दीर्घावधि औसत का 103% था। उत्तराखंड में 1162.7 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 1203.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
उत्तराखंड में सबसे कम वर्षा वाला स्थान कौन सा है?
Champawat Rain: प्रदेश में सबसे कम वर्षा वाले जिलों में चंपावत शीर्ष पर, अब कमजोर पड़ा मानसून प्रदेश में जुलाई समाप्ति तक दीर्घ अवधि के औसत से कम वर्षा वाले जिलों की संख्या चार थी। अब संख्या बढ़कर सात पहुंच गई है। उत्तराखंड में जुलाई तक सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी।