नई दिल्ली,। समुद्र में बन रहा तूफान भारत में लोगों की धड़कनें बढ़ा रहा है। आशंका है कि 100 किमी प्रति घंटा की तेज हवाएं भारी तबाही मचा सकती हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र तेजी से मजबूत हो रहा है और अगले 48 घंटों में यह एक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। आईएमडी ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि यह सिस्टम 26 नवंबर के आसपास ‘चक्रवात सेन्यार’ (Cyclone Senyar) बन सकता है। इसके असर से ओडिशा के तटीय इलाकों में 25 से 27 नवंबर के बीच भारी बारिश के आसार हैं।
अंडमान सागर से बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा सिस्टम
आईएमडी के मुताबिक फिलहाल यह सिस्टम मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के पास सक्रिय है और धीरे-धीरे दक्षिण-पूर्व बंगाल (South East Bengal) की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। यह सिस्टम अभी मुख्य भूमि से करीब 1,000 किमी दूर है, इसलिए इसका सटीक रूट आज शाम तक और स्पष्ट होगा। अनुमान है कि 24 नवंबर तक यह डिप्रेशन और 26–27 नवंबर तक चक्रवात का रूप ले सकता है। 27 नवंबर के आसपास हवा की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
ओडिशा सरकार अलर्ट पर, तटीय जिलों में तैयारियां पूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओडिशा (Odihsa) के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि राज्य सरकार पूरी तरह अलर्ट है। संभावित चक्रवात को देखते हुए सभी विभागों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।यह सिस्टम सबसे पहले अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर अपना प्रभाव दिखाएगा, जहां 24 और 25 नवंबर को भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। हवा की रफ्तार 35–45 किमी प्रति घंटा से शुरू होकर 55–65 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
तूफान के रूट को लेकर अभी भी अनिश्चितता
मौसम वैज्ञानिक अभी यह साफ नहीं कह पा रहे कि तूफान किस दिशा में जाएगा। 26 नवंबर के बाद यह:
- या तो तमिलनाडु–आंध्र तट की ओर बढ़ सकता है
- या फिर उत्तर की ओर मुड़कर ओडिशा–बांग्लादेश के तटों की ओर
लोगों को नियमित मौसम अपडेट पर नजर रखने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मछुआरों को 28 नवंबर तक समुद्र में नहीं जाने की हिदायत दी गई है।
‘सेन्यार’ नाम का मतलब क्या है?
इस तूफान का नाम ‘सेन्यार’ है, जिसका अर्थ ‘शेर’ होता है। यह नाम संयुक्त अरब अमीरात द्वारा सुझाया गया था। यह नाम विश्व मौसम संगठन और संयुक्त राष्ट्र के चक्रवात नामकरण पैनल की सूची का हिस्सा है।
जैसे-जैसे सिस्टम ताकत पकड़ रहा है, पूर्वी तट के सभी राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है।
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