हैदराबाद। वन, पर्यावरण और धर्मस्व मंत्री कोंडा सुरेखा ने सचिवालय में वी-हब (We-Hub) की सीईओ सीता के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। वारंगल पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में लक्षित क्षमता निर्माण, बाज़ार समर्थन और स्थायी आजीविका के अवसरों के माध्यम से स्वयं सहायता समूह (SHG) महिलाओं को मज़बूत बनाने के लिए सहयोगात्मक रणनीतियों पर चर्चा हुई।
मंत्री को वी-हब के चल रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गई
सीता पल्लाचोला ने मंत्री को वी-हब के चल रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी, जो तेलंगाना भर में महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यमों की आर्थिक क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित हैं। इन पहलों में तकनीकी प्रशिक्षण, उत्पाद नवाचार, पैकेजिंग समाधान और विस्तारित बाज़ार संपर्क शामिल हैं। कोंडा सुरेखा ने वी-हब के प्रयासों की सराहना की और ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने और उद्यमियों के रूप में आत्मविश्वास पैदा करने में इन हस्तक्षेपों के प्रत्यक्ष प्रभाव को स्वीकार किया।
पाँच स्वयं सहायता समूह संघों को भी सहयोग देने का अनुरोध
उन्होंने वी-हब से वारंगल पूर्व में पाँच स्वयं सहायता समूह संघों को भी इसी प्रकार का सहयोग देने का अनुरोध किया, जिसमें कौशल विकास और उद्यम-विशिष्ट तकनीकी प्रशिक्षण, बेहतर उत्पाद गुणवत्ता और पेशेवर पैकेजिंग मानकों, स्वयं सहायता समूह उत्पादों के लिए रणनीतिक विपणन और ब्रांड पोजिशनिंग, महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों को बढ़ावा देने हेतु डिजिटल और वित्तीय साक्षरता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने वारंगल में बनने वाले हवाई अड्डे के निर्माण में सहयोग के लिए गुणवत्तापूर्ण हवाई अड्डा कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी चर्चा की। कोंडा सुरेखा ने कहा, “स्वयं सहायता समूह महिलाओं का सशक्तिकरण केवल आजीविका के बारे में नहीं है; यह हमारे समुदायों में नेतृत्व, नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देने के बारे में है।“
अंतर-विभागीय सहयोग के महत्व पर भी ज़ोर दिया गया
बैठक में महिला-नेतृत्व वाली उद्यमिता और आर्थिक लचीलेपन को बढ़ावा देने में अंतर-विभागीय सहयोग के महत्व पर भी ज़ोर दिया गया। प्रस्तावित साझेदारी से आजीविका के नए अवसर पैदा होने, बाज़ार में प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होने और आगामी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए कार्यबल की तैयारी सहित वारंगल पूर्व के दीर्घकालिक विकास में योगदान मिलने की उम्मीद है। बैठक में ग्रेटर वारंगल नगर की महापौर गुंडू सुधा रानी भी उपस्थित थीं।
महिला स्वयं सहायता समूह कैसे शुरू करें?
- 10-20 महिलाओं का एक समूह बनाएं (सामान्यतः एक ही गाँव या मोहल्ले से)।
- सभी महिलाएं एक समान आर्थिक स्थिति और पृष्ठभूमि से होनी चाहिए।
स्वयं सहायता समूह के नियम क्या हैं?
नियमित बैठकें:
- हर सप्ताह/महीने अनिवार्य बैठक करें।
समान बचत:
- हर सदस्य को तय समय पर समान राशि जमा करनी होती है।
लेन-देन की पारदर्शिता:
- खाते की जानकारी सभी सदस्यों के सामने रखी जाए।
स्वयं सहायता समूह पैसे कैसे कमाते हैं?
बचत से ब्याज:
- जमा धनराशि को बैंक में रखने पर ब्याज मिलता है।
आंतरिक ऋण पर ब्याज:
- समूह के सदस्य जो उधार लेते हैं, उनसे ब्याज लिया जाता है।
सरकारी सहायता और सब्सिडी:
- सरकारी योजनाओं से लोन या अनुदान मिलता है।
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