यमन में भारतीय नर्स (Indian Nurse) निमिषा (Nimisha) प्रिया को फांसी की सजा सुनाई गई है. उनके परिवार ने अब्दो महदी के परिवार को 1 मिलियन डॉलर (लगभग 85 लाख रुपए) देने की पेशकश की है ताकि उन्हें फांसी से बचाया जा सकेय यह पेशकश यमन के शरिया कानून के तहत ‘ब्लड मनी’ के रूप में है।
यमन में भारत की नर्स निमिषा प्रिया को फांसी
भारत की नर्स निमिषा Nimisha प्रिया को फांसी से बचाने के लिए आखिरी दांव खेला गया है. इसके तहत निमिषा के परिवार ने अब्दो महदी परिवार को 1 मिलियन डॉलर (करीब 85 लाख रुपए) देने की पेशकश की है. निमिषा Nimisha को अब्दो की हत्या मामले में ही फांसी पर चढ़ाने की सजा सुनाई गई है।
यमन के शरिया कानून के मुताबिक अगर अब्दो का परिवार ब्लड मनी लेकर मान जाता है तो निमिषा को फांसी पर नहीं चढ़ाया जाएगा. निमिषा की मां को उम्मीद है कि अब्दो महदी का परिवार ब्लड मनी लेकर मान जाएगा. इसके लिए दो वार्ताकाल लगातार एक्टिव हैं।
16 जुलाई को फांसी की तारीख मुकर्रर
यमन की शरिया अदालत ने महदी मर्डर मामले में निमिषा को 16 जुलाई को फांसी देने का फैसला सुनाया है. कोर्ट के मुताबिक निमिषा अपने पार्टनर महदी को मारने में सीधे रूप से शामिल थी, इसलिए उसे फांसी की सजा सुनाई गई है।
यानी 16 जुलाई से पहले अगर ब्लड मनी पर बात नहीं बनती है तो निमिषा को फांसी मुकर्रर कर दी जाएगी. निमिषा को बचाने के लिए उनकी मां केरल से वहीं पर डेरा डाले हुई है. निमिषा को बचाने के लिए एक ग्रुप भी यमन में तैयार किया गया है।
2017 से जेल में यमन की जेल में बंद है निमिषा
2008 में केरल से नर्स की नौकरी करने यमन गई निमिषा को 2017 में गिरफ्तार किया गया था. इसी साल महदी की हत्या हुई थी और उसका शव बरामद किया गया था. पुलिस के मुताबिक निमिषा ने ड्रग्स देकर महदी की हत्या कर दी और फिर उसके शव को पानी के टंकी में डाल दिया।
निमिषा के वकील के मुताबिक महदी उसका बिजनेस पार्टनर था और एक दिन उसने अचानक से उसके साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया. पासपोर्ट छीन लिया और उसे बंदूक दिखाकर धमकी दी. पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया, लेकिन वह ओवरडोज हो गया।
निमिषा की मां ने एक इंटरव्यू में बताया है कि केस लड़ने में उसका पूरा घर बिक गया है. अब निमिषा को बचाने के लिए क्राउड फंडिंग किया जा रहा है. ब्लड मनी के लिए जैसे ही महदी का परिवार मान जाता है. वैसे ही उसे पैसे दे दिए जाएंगे. हालांकि, अब सबकुछ महदी के परिवार के हाथ में है।