राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Dropadi Murmu) ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मनोनीत किया है. इन नामित सदस्यों में उज्ज्वल देवराव निकम शामिल हैं, जो एक प्रसिद्ध विशेष सरकारी वकील हैं और कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं. इनके साथ सी. सदानंदन मास्टे (केरल के वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद), हर्षवर्धन श्रृंगला (भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं), मीनाक्षी जैन (एक प्रख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद) को मनोनीत किया गया है. ये नामांकन राज्यसभा के पूर्व नामित सदस्यों के सेवानिवृत्त होने के बाद रिक्तियों की पूर्ति के लिए किए गए हैं.
Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने रविवार को कहा कि बिहार सरकार अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगले पांच वर्षों (2025-2030) में युवाओं को स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ने के वास्ते कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राज्य सरकार जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कुमार की यह घोषणा महत्वपूर्ण है।
एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने रविवार सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अगले पांच साल में (2025 से 2030) वर्ष 2020-25 के लक्ष्य को दोगुना करते हुए एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निजी विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में भी नौकरी एवं रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे। इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य में अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और लगभग 39 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है तथा 50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी/रोजगार देने के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर लिया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सात निश्चय’ कार्यक्रम के तहत राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सात निश्चय’ के तहत जारी कार्यक्रम को विस्तारित किया जाएगा
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘अगले पांच वर्षों में युवाओं के कौशल विकास के लिए ‘सात निश्चय’ के तहत जारी कार्यक्रम को विस्तारित किया जाएगा। आने वाले समय में कौशल विकास के लिए एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिसका नाम बिहार के गौरव भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नाम पर जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय रखा जाएगा ताकि राज्य के युवाओं को कौशल विकास की नयी दिशा मिल सके।” उन्होंने कहा कि 2005 से 2020 के बीच बिहार के आठ लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘युवाओं को सरकारी नौकरी तथा रोजगार उपलब्ध कराने की गति को और तेज करने के लिए, 2020 में सुशासन के कार्यक्रम ‘सात निश्चय-2′ के तहत हमने 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया था। बाद में, इस लक्ष्य को बढ़ाकर अगस्त 2025 तक 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 38 लाख लोगों को रोजगार का लक्ष्य कर दिया गया।”
बिहार सीएम की सैलरी कितनी है?
नीतीश कुमार (राजनेता – बिहार के मुख्यमंत्री – भारत) प्रति वर्ष ₹25,80,000.00 वेतन कमाते है
बिहार के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री कौन हैं?
वर्तमान में नीतीश कुमार 22 फरवरी 2015 से सत्ता में हैं। बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड नीतीश कुमार के नाम है।
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