नई दिल्ली । भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) इनदिनों लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है। इस लेकर वह बार-बार चिंता भी जता चुकी है। लेकिन, अब उसकी सबसे बड़ी चिंता जल्द दूर होगी। क्योंकि देसी विमान निर्माता कंपनी एचएएल ने स्वदेसी फाइटर जेट (Fighter Jets) तेजस एमके-1ए के प्रोडक्शन को रॉकेट की रफ्तार दे दी है।
सरकार का बड़ा ऑर्डर
दरअसल, तेजस एमके-1ए देश में तैयार एक शानदार फाइटर जेट है। भारत सरकार ने एचएलए (HLA) को 180 तेजस एमके-1ए विमानों का ऑर्डर दिया है। ये ऑर्डर दो बार में दिए गए। पहला ऑर्डर 83 विमानों का मिला था। पिछले दिनों केंद्रीय कैबिनेट ने फिर से इस तरह के 97 विमानों का ऑर्डर दिया था।
सप्लाई में देरी और चुनौतियां
इन विमानों की डिलिवरी मार्च 2024 में शुरू होनी थी। लेकिन, अभी तक एयरफोर्स को एक भी विमान की डिलेवरी नहीं हुई है। अमेरिकी कंपनी जीई की ओर से इंजन की सप्लाई में देरी और अन्य कारणों से फाइटर जेट की सप्लाई में देरी हो रही थी।
सप्लाई चेन की वैश्विक समस्या
एचएएल के प्रमुख डीके सुनील का कहना है कि यह बात सही है कि तेजस एमके-1ए की सप्लाई में देरी हुई है। लेकिन, सप्लाई चेन की समस्या सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। दुनिया में विमान इंजन बनाने वाली केवल तीन कंपनियां हैं— जीई, सैफ्रान और हनीवेल। इनके पास ही सभी विमान निर्माता लाइन लगाए हुए हैं।
तेजस डिलीवरी का नया रोडमैप
एचएएल प्रमुख ने बताया कि एचएएल अगले माह दो फाइटर जेट्स की सप्लाई करने जा रही है। उसके पास 10 तेजस एमके-1ए तैयार हैं, जिनमें केवल इंजन फिट करना बाकी है। इसके अलावा 24 तेजस एमके-1ए का पूरा ढांचा तैयार है। यानी एचएएल के पास करीब 34 फाइटर जेट तैयार मोड में हैं।
हर महीने दो तेजस सौंपेगा एचएएल
वर्तमान में एचएएल के पास सालाना 24 फाइटर जेट बनाने की क्षमता है। यानी हर माह दो फाइटर जेट्स एयरफोर्स को सौंपे जाएंगे। इसके लिए एचएएल ने टाटा और एलएंडटी समेत पांच निजी कंपनियों के साथ समझौता किया है, जो विंग से लेकर विमान के अलग-अलग हिस्सों का निर्माण कर रही हैं।
भारत के पास कितने तेजस विमान हैं?
भारतीय वायुसेना ने वर्तमान में 123 तेजस का ऑर्डर दिया है और 97 और खरीदने की योजना बना रही है। भारतीय वायुसेना ने सभी संस्करणों में कम से कम 324 विमान या तेजस के 18 स्क्वाड्रन खरीदने की योजना बनाई है, जिसमें भारी तेजस मार्क 2 भी शामिल है जिसे वर्तमान में विकसित किया जा रहा है।
तेजस फेल क्यों हुआ?
उन्नयन और आगे का विकास। मई 2015 में, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने तत्कालीन वितरित तेजस मार्क 1 IOC मानक विमान में कुछ कमियाँ देखीं, जो CAG के अनुसार वास्तविक युद्ध में विमान की जीवित रहने की क्षमता और परिचालन तैनाती को सीमित कर देंगी।
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