दिल्ली पुलिस ने स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद (Chaityanand) के खिलाफ छेड़छाड़ और शोषण के गंभीर आरोपों की जांच तेज कर दी है। 17 छात्राओं ने बाबा पर शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाया है, जिसके बाद पुलिस (POlice) ने पांच राज्यों—दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड—में छापेमारी की। बाबा की आखिरी लोकेशन उत्तर प्रदेश के आगरा में मिली, लेकिन उसका फोन बंद होने से वह फरार है। पुलिस ने उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है ताकि वह देश छोड़कर न भाग सके।
जांच में पुलिस ने 50 से अधिक छात्राओं के मोबाइल फोन जब्त किए, जिनमें से कई में चैट्स डिलीट पाए गए। डिलीट किए गए मैसेज रिकवर करने की कोशिश जारी है, जो बाबा के काले कारनामों को उजागर कर सकते हैं। पुलिस को संदेह है कि बाबा आर्थिक रूप से कमजोर और कम पढ़ी-लिखी लड़कियों को निशाना बनाता था। वह उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन का लालच देकर अपने जाल में फंसाता था।
पुलिस ने बाबा की लग्जरी वॉल्वो कार भी जब्त की, जिसमें 9 फर्जी नीली नंबर प्लेटें मिलीं। इनमें से एक नंबर प्लेट पर ’39 यूएन 1′ लिखा था, जो संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से जुड़ा प्रतीत होता था। हालांकि, यूएन ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई नंबर प्लेट जारी नहीं की गई। कार किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिससे बाबा की धोखाधड़ी की परतें खुल रही हैं।
बाबा के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। 2009 में दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में भी उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। वर्तमान में उसके खिलाफ कुल पांच मामले चल रहे हैं, जिनमें धोखाधड़ी का एक केस भी शामिल है, जो मठ की शिकायत पर दर्ज हुआ। पुलिस को शक है कि बाबा के कुछ सहयोगी उसे छिपाने में मदद कर रहे हैं, और उनकी तलाश भी जारी है।
यह मामला दिल्ली में महिला सुरक्षा और फर्जी बाबाओं के बढ़ते प्रभाव को उजागर करता है। पुलिस का कहना है कि जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि बाबा का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। समाज में ऐसे तथाकथित आध्यात्मिक गुरुओं के खिलाफ जागरूकता और सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
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