हैदराबाद : तेलंगाना के सीएम (Chief Minister) ए. रेवंत रेड्डी ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ और एच-1बी वीज़ा शुल्क (H-1B visa Fees) में हालिया वृद्धि पर गंभीर चिंता जताई है। यह बात उन्होंने गुरुवार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर तेलंगाना राज्य सचिवालय में अमेरिकी थिंक टैंक और व्यापारिक नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान कही।
दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव : रेवंत रेड्डी
मुख्यमंत्री ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इस प्रकार के फैसलों से भारत-अमेरिका संबंधों में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने अमेरिका की प्रगति में तेलंगाना प्रवासियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि एच-1बी वीज़ा शुल्क बढ़ने से प्रतिभाशाली पेशेवरों की आवाजाही प्रभावित हो सकती है।
2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने बैठक में ‘तेलंगाना राइजिंग 2047’ विज़न को साझा करते हुए बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2034 तक 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। उन्होंने अमेरिका के व्यापारिक नेताओं को इस विज़न में ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि हैदराबाद आज न्यूयॉर्क और टोक्यो जैसे वैश्विक शहरों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है और ‘चीन+1’ रणनीति के अंतर्गत तेलंगाना को एक प्रमुख वैकल्पिक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम हो रहा है।
फ्यूचर सिटी और रिवरफ्रंट विकास पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने ‘भारत फ्यूचर सिटी’ परियोजना के लिए अमेरिकी उद्योग भागीदारों से सहयोग मांगा। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में सभी फॉर्च्यून 500 कंपनियों को फ्यूचर सिटी में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने मूसी नदी पुनरुद्धार परियोजना को राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर बताते हुए कहा कि रिवरफ्रंट विकास के जरिए हैदराबाद में रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रही यें प्रमुख हस्तियाँ
इस उच्च स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में प्रो. वाल्टर रसेल मीड, हडसन इंस्टीट्यूट, मार्क रोसेनब्लैट, रेशनलवेव कैपिटल पार्टनर्स, हारलन क्रो, क्रो होल्डिंग्स, रेवेनेल करी, ईगल कैपिटल मैनेजमेंट, हेनरी बिलिंग्सले, बिलिंग्सले कंपनी शामिल रहे। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार वेम नरेंद्र रेड्डी, मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव, विशेष मुख्य सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. शेषाद्रि, फ्यूचर सिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी के आयुक्त के. शशांक समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
H1B वीजा क्या होता है?
H-1B वीजा एक गैर-आव्रजन (Non-Immigrant) वीजा है जो संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) द्वारा विदेशी नागरिकों को अमेरिकी कंपनियों में विशेषज्ञता वाले पेशों (Specialty Occupations) में काम करने की अनुमति देता है।
उदाहरण: इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, वैज्ञानिक, डॉक्टर, अकाउंटेंट आदि।
h1 b वीजा का अर्थ क्या है?
यह एक ऐसा वीजा है जो USA में काम करने की इजाज़त देता है, खासतौर पर उन नौकरियों के लिए जिनके लिए स्पेशलाइज्ड नॉलेज और आमतौर पर कम से कम बैचलर डिग्री की ज़रूरत होती है।
I-140 और H1B में क्या अंतर है?
बिंदु | H1B वीज़ा | I-140 |
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प्रकार | अस्थायी (Temporary Work Visa) | ग्रीन कार्ड प्रक्रिया का स्थायी (Immigrant Petition) हिस्सा |
उद्देश्य | अमेरिका में कुछ समय के लिए काम करना | अमेरिका में स्थायी निवास (Green Card) पाने के लिए जरूरी |
स्पॉन्सरशिप | US नियोक्ता द्वारा स्पॉन्सर किया जाता है | US नियोक्ता द्वारा Green Card के लिए Sponsorship |
समयावधि | 3 साल + 3 साल तक विस्तार संभव | अप्रूवल के बाद आगे Green Card प्रोसेस में जाता है |
आव्रजन स्थिति | गैर-आव्रजन (Non-Immigrant) | आव्रजन (Immigrant – Green Card Process) |
साधारण भाषा में:
- H1B: अमेरिका में नौकरी करने का वीजा
- I-140: अमेरिका में स्थायी निवास (Green Card) की ओर एक कदम
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