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News Hindi : मुख्यमंत्री योगी ने दीपावली पर अयोध्या में साधु-संतों से की मुलाकात

Ajay Kumar Shukla
Ajay Kumar Shukla
News Hindi : मुख्यमंत्री योगी ने दीपावली पर अयोध्या में साधु-संतों से की मुलाकात

अयोध्या : यूपी के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर (Gorakshapeethadhiswar) महंत योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) में साधु- संतों से भेंट की और उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विभिन्न अखाड़ों और मठों में पहुंचकर संतजनों का हालचाल जाना और दीपावली पर उपहार भेंट किया।

दिगंबर अखाड़े में महंत सुरेश दास से की मुलाकात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले दिगंबर अखाड़े पहुंचे। यहां उन्होंने महंत सुरेश दास से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं और उपहार भेंट किया। इस दौरान दोनों संतों के बीच प्रदेश और समाज से जुड़े विषयों पर चर्चा भी हुई

बड़ा भक्त महल में कौशल किशोर दास महाराज से हुई स्नेहभरी भेट

मुख्यमंत्री बड़ा भक्त महल भी पहुंचे। यहां उन्होंने महंत कौशल किशोर दास जी महाराज से मुलाकात की। उन्होंने महाराज जी का हालचाल जाना और दीपावली पर उपहार भेंट अर्पित किया।

मणिराम दास छावनी में महंत नृत्य गोपाल दास से मिले

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी से मिलने मणिराम दास छावनी पहुंचे। उन्होंने महंत जी के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके दीर्घायु होने की कामना करते हुए दीपावली उपहार प्रदान किया।

दिगंबर अखाड़ा क्या है?

दिगंबर अखाड़ा हिंदू संन्यासियों का एक प्रमुख और प्राचीन अखाड़ा है। यह मुख्यतः नागा साधुओं से संबंधित होता है, जो नग्न या दिगंबर (बिना वस्त्र) रहते हैं। ये साधु तप, ब्रह्मचर्य और वैराग्य का जीवन जीते हैं।

  • यह अखाड़ा शैव परंपरा से जुड़ा हुआ है और भगवान शिव की भक्ति करता है।
  • इनका मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा करना और धर्म-प्रचार करना है।

महाकुंभ का सबसे बड़ा अखाड़ा कौन सा है?

जूना अखाड़ा (Juna Akhada) महाकुंभ में सबसे बड़ा और प्रभावशाली अखाड़ा माना जाता है।

  • यह नागा साधुओं का प्रमुख अखाड़ा है।
  • कुंभ मेले में शाही स्नान की अगुवाई भी प्रायः जूना अखाड़ा करता है।

भारत का सबसे बड़ा अखाड़ा कौन सा है?

भारत का सबसे बड़ा अखाड़ा भी जूना अखाड़ा ही माना जाता है।

  • इसमें लाखों साधु-संत जुड़े हुए हैं।
  • इसका मुख्यालय वाराणसी में स्थित है।
  • इसे 7वीं-8वीं सदी में स्थापित माना जाता है।

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