कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में बुधवार दोपहर एक सनसनीखेज वारदात सामने आई। पाँच से छह बदमाशों ने खुद को आयकर विभाग और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का अधिकारी बताकर एक कैश वैन को रोका और 7 करोड़ 11 लाख रुपये की लूट को अंजाम देकर फरार हो गए। घटना दक्षिण बेंगलुरु के एक व्यस्त फ्लाईओवर पर हुई, जिसने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैश वैन पर रोक—5 मिनट में बना लिया भरोसा
यह वारदात दोपहर 12:30 से 1 बजे के बीच हुई, जब CMS Info Systems की कैश वैन HDFC बैंक, JP नगर से HBR लेआउट की ओर जा रही थी। वैन में ड्राइवर बिनोद कुमार, कैश संरक्षक आफ़ताब और राजन्ना, तथा दो हथियारबंद सुरक्षा कर्मी मौजूद थे। तभी अचानक एक मारुति ज़ेन ने वैन को ओवरटेक करके रोक लिया। उसके साथ ही एक इनोवा और एक (MUV) भी आकर खड़ी हो गई।मारुति से उतरे तीन लोगों ने ड्राइवर को धमकाते हुए कहा—
“हम RBI अधिकारी हैं, आपकी वैन नियम तोड़ रही है। जांच करनी होगी।” CMS कर्मचारियों ने बिना जांच-पड़ताल किए लुटेरों की बात मान ली और सुरक्षा कर्मियों ने भी हथियार छोड़ दिए।
कर्मचारियों और वैन को अलग किया, बना ली योजना आसान
लूटेरों ने ड्राइवर को कहा कि वह वैन को डेयरी सर्किल फ्लाईओवर (Diary Circle Flyover) पर लेकर जाए, जबकि अन्य कर्मचारियों को अपनी MUV में बैठाकर पीछे भेजा गया।निमहांस जंक्शन पहुँचकर बदमाशों ने कर्मचारियों को उतारते हुए कहा— तुम पुलिस स्टेशन आओ, हम कैश RBI ले जा रहे हैं। वहीं बयान होगा।” कर्मचारी पुलिस स्टेशन की ओर चल दिए, लेकिन यह सिर्फ धोखा था।
बंदूक की नोंक पर कैश खाली, लुटेरे फरार
डेयरी सर्किल फ्लाईओवर पर पहुंचने पर बदमाश वापस आए और बंदूक दिखाकर तीन कैश बॉक्स वैन से निकालकर अपनी कार में रख लिए।
कुछ ही मिनटों में लुटेरे मारुति ज़ेन से फरार हो गए और अपनी MUV तथा कैश वैन को वहीं छोड़ दिया।पुलिस को सूचना भी देरी से दी गई, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई।
पुलिस की जांच: अंदरूनी मिलीभगत पर शक
बेंगलुरु पुलिस आयुक्त सीमांत कुमार सिंह के अनुसार—
- घटना लंबे समय से योजनाबद्ध थी।
- लुटेरों ने वैन की नियमित मूवमेंट पर काफी दिनों तक नजर रखी।
- कैश को बेहद व्यवस्थित तरीके से कार में रखा गया, जो सूझबूझ का संकेत देता है।
- ड्राइवर ने पुलिस को देर से सूचना दी और उसका बयान भी बार-बार बदल रहा है।
- सवाल यह भी कि हथियारबंद सुरक्षा कर्मी निष्क्रिय क्यों रहे?
इस समय संयुक्त आयुक्त और दो DCP की निगरानी में 8 विशेष टीमें छापेमारी में जुटी हैं।
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