IVF तकनीक से बनी मां; 7 महीने पहले पति का निधन
- 21वीं सदी का चमत्कार: शबनम बनी मल्टीपल बर्थ मां
- इंदौर की शबनम ने IVF तकनीक के जरिए एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया।
- मेडिकल टीम के अनुसार चारों बच्चे प्री-टर्म जन्मे हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पति की मौत के बाद भी दिखाई हिम्मत
- शबनम के पति का 7 महीने पहले निधन हो गया था।
- परिवार और डॉक्टरों के सहयोग से उन्होंने IVF प्रक्रिया जारी रखी।
मध्य प्रदेश में इंदौर (Indore) के क्लॉथ मार्केट स्थित हॉस्पिटल में बुधवार को बेहद खुशनुमा और भावुक करने वाली घटना सामने आई, जहां एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया. डॉक्टरों की टीम के लिए भी यह एक चुनौतीपूर्ण, लेकिन सफल डिलीवरी साबित हुई. वहीं डॉक्टर इसे दुर्लभ मामला बता रहे हैं.चारों बच्चे और महिला स्वस्थ हैं. महिला ने एक साथ तीन बेटियों और एक बेटी को जन्म दिया है।
जानकारी के अनुसार, शबनम (Shabnam) ने आईवीएफ तकनीक के माध्यम से उपचार लिया था और इसी प्रक्रिया के चलते वह चार बच्चों की मां बनने में सफल हुईं. शबनम ने यह बड़ा फैसला अपने पति की मौत के बाद लिया था।
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शबनम के पति सैय्यद मंसूरी की सात महीने पहले एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. पति के असामयिक निधन के बाद भी शबनम ने हिम्मत नहीं हारी और परिवार को आगे बढ़ाने के लिए आईवीएफ तकनीक अपनाने का निर्णय लिया. उनका यह फैसला आज चार नन्हीं जानों के रूप में एक बड़ा सुख लेकर आया है. शादी के 9 साल बाद शबनम के घर किलकारी गूंजी है. चारों बच्चों का जन्म एक-एक मिनट के अंतराल में हुआ. डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के गिने-चुने मामलें ही सामने आते हैं।

महिला ने एक साथ चार बच्चों को दिया जन्म
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, शबनम ने तीन लड़कियों और एक लड़के को जन्म दिया है. डॉक्टरों ने बताया कि मेडिकल टीम पहले से ही हाई-रिस्क डिलीवरी को लेकर तैयार थी. आईवीएफ के माध्यम से मल्टीपल प्रेग्नेंसी होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए पूरी प्रक्रिया को सतर्कता और विशेषज्ञता के साथ पूरा किया गया. प्रसव के तुरंत बाद बच्चों और मां दोनों को विशेष निगरानी में रखा गया. फिलहाल, सभी चारों बच्चे और शबनम पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
डॉक्टरों ने दी बधाई
अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि यह डिलीवरी न केवल मेडिकल टीम के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि महिला की हिम्मत और मातृत्व की मजबूत भावना का भी प्रतीक है. शबनम ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने परिवार को आगे बढ़ाने का जो साहस दिखाया, वह समाज के लिए प्रेरणादायी है. इस घटना ने अस्पताल परिसर में खुशी और उत्साह का माहौल बना दिया है. परिवारजन और उपचार कर रहे चिकित्सकों ने शबनम को बधाई दी और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इंदौर में मुसलमानों की आबादी कितनी है?
इनमें से इंदौर सबसे आगे है, जहां कुल आबादी 22 लाख 27 हजार से ज्यादा थी. वहीं मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी 6.57 प्रतिशत यानी लगभग 47 लाख थी.
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