नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को देश-दुनिया से मिले करीब 1300 उपहारों की ऑनलाइन नीलामी 17 सितंबर, यानी उनके जन्मदिन से शुरू होगी और 2 अक्टूबर तक चलेगी। नीलामी से प्राप्त राशि गंगा सफाई के लिए चल रहे नमामि गंगे मिशन (Namami Gange Mission) पर खर्च की जाएगी।
सातवां संस्करण, अब तक 50 करोड़ से अधिक जुटे
पीएम मोदी को मिले उपहारों की नीलामी वर्ष 2019 से शुरू हुई थी। इस बार इसका सातवां संस्करण आयोजित होगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Sekhawat) ने बताया कि अब तक छह चरणों में 7000 से अधिक उपहारों की नीलामी की जा चुकी है, जिससे 50.33 करोड़ रुपये नमामि गंगे को दान किए गए हैं।
इस बार नीलामी में क्या होगा खास
इस बार नीलामी के लिए कई महत्वपूर्ण उपहार रखे गए हैं, जिनमें पैरालंपिक 2024 के विजेता खिलाड़ियों के उपहार, देवी-देवताओं की मूर्तियां, तलवारें, टोपी, पेंटिंग और मंदिरों की प्रतिमाएं शामिल हैं। इन उपहारों का आधार मूल्य 1700 रुपये से 1.03 करोड़ रुपये तक रखा गया है।
तुलजा भवानी की मूर्ति सबसे महंगी
नीलामी में रखे गए प्रमुख उपहारों में तुलजा भवानी की मूर्ति सबसे महंगी है, जिसका आधार मूल्य 1.03 करोड़ रुपये रखा गया है। इसके अलावा पैरालंपिक 2024 के सिल्वर मेडल विजेता निषाद कुमार और कांस्य पदक विजेता अजीत सिंह व सिमरन शर्मा के जूते भी नीलामी में शामिल हैं, जिनकी शुरुआती कीमत 7.70 लाख रुपये तय की गई है।
लोगों में बड़ा आकर्षण
शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी को मिले उपहारों को अपने घर में रखना गर्व की बात मानी जाती है। यही कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में लोग बोली लगाते हैं और साथ ही गंगा संरक्षण अभियान में भी भागीदारी निभाते हैं।
मोदी जी कितने पढ़े-लिखे हैं?
किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान चला चुके मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वड़नगर में पूरी की। उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और विज्ञान स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
नरेंद्र मोदी को कितने पुरस्कार मिले हैं?
यह सम्मान पीएम मोदी का 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। यह उनकी हालिया पांच देशों की यात्रा का चौथा और पिछले 24 घंटों में दूसरा पुरस्कार है। यह सम्मान भारत की दुनिया में बढ़ती साख को दर्शाता है। अगर आप पूछें कि पीएम मोदी को अब तक कितने देशों से सम्मान मिले, तो इसकी फेहरिस्त लंबी है।
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