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Breaking News: CFO: अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के CFO की गिरफ्तारी

Dhanarekha
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Breaking News: CFO: अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के CFO की गिरफ्तारी

फंड ट्रांसफर में फर्जीवाड़े का आरोप

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस पावर लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CFO, अशोक कुमार पाल को ₹68.2 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी और इनवॉइसिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। पाल पर आरोप है कि उन्होंने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप (ADA) से जुड़ी कंपनियों को रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस से ₹12,524 करोड़ के लोन देने में फर्जी दस्तावेजों को मंजूरी दी और पैसों का गलत तरीके से ट्रांसफर किया। ED ने उनसे गहन पूछताछ के बाद शुक्रवार (10 अक्टूबर) देर रात गिरफ्तारी की, जिसके बाद उन्हें दो दिनों की ED कस्टडी में भेज दिया गया है

CBI और ED की संयुक्त जांच का दायरा

ED और CBI दोनों ही एजेंसियां अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े कई मामलों की जांच कर रही हैं। यह गिरफ्तारी उन व्यापक छापों और पूछताछ के बाद हुई है, जो अगस्त में अनिल अंबानी और उनके ग्रुप की कंपनियों पर की गई थी। CBI ने यस बैंक धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी और यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर के खिलाफ पहले ही चार्जशीट फाइल कर दी है। CBI का आरोप है कि राणा कपूर ने अपनी पद का दुरुपयोग करते हुए यस बैंक के फंड को अंबानी की कंपनियों में डाला, जिसके बदले में अंबानी की कंपनियों ने कपूर परिवार की कंपनियों को “क्विड प्रो क्वो” (लेन-देन के सौदे) के तहत कम ब्याज पर लोन और इन्वेस्टमेंट दिए, जिससे बैंक को ₹2,796 करोड़ का नुकसान हुआ।

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मनी लॉन्ड्रिंग और फंड डायवर्जन का आरोप

ED की जांच मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित है, जिसमें आरोप है कि ₹3,000 करोड़ के लोन को फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया था। ED इसे बैंकों, निवेशकों और शेयरहोल्डर्स को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पने का “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान मानती है। जांच में कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनमें फर्जी कंपनियों में पैसा ट्रांसफर करना, लोन एवरग्रीनिंग (पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देना), और कमजोर कंपनियों को बिना वेरिफिकेशन के लोन देना शामिल है। CFO की गिरफ्तारी से यह संकेत मिलता है कि अब जांच का दायरा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों तक पहुँच गया है।

रिलायंस पावर के CFO की गिरफ्तारी अनिल अंबानी ग्रुप के किस बड़े मामले से जुड़ी है?

यह गिरफ्तारी अनिल अंबानी की ग्रुप कंपनियों को रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस से दिए गए ₹12,524 करोड़ के लोन और यस बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ी व्यापक जांच का हिस्सा है। CFO अशोक कुमार पाल पर फर्जी बैंक गारंटी और इनवॉइसिंग के माध्यम से ₹68.2 करोड़ के फंड ट्रांसफर में धोखाधड़ी का आरोप है।

यस बैंक फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी पर ‘क्विड प्रो क्वो’ का क्या आरोप है?

CBI के अनुसार, यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर ने अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल करके यस बैंक के फंड्स को अनिल अंबानी की फाइनेंशियली कमजोर कंपनियों में डाला। बदले में, अंबानी की कंपनियों ने कथित तौर पर कपूर फैमिली की कंपनियों को कम ब्याज पर लोन और इन्वेस्टमेंट दिए। CBI ने इसे ₹2,796 करोड़ के नुकसान वाला एक ‘क्विड प्रो क्वो’ (लेन-देन का सौदा) बताया है।

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