1.21 लाख के पार पहुंचा सोना
नई दिल्ली: आज (8 अक्टूबर) सोने और चांदी(Gold Silver) दोनों के दाम रिकॉर्ड ऑलटाइम हाई पर पहुँच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,858 बढ़कर ₹1,21,799 हो गई है, जबकि एक दिन पहले यह ₹1,19,941 थी। इसी तरह, चांदी की कीमत भी ₹2,342 बढ़कर ₹1,50,783 प्रति किलोग्राम हो गई है। इस साल अब तक (31 दिसंबर 2024 से 8 अक्टूबर तक) सोने की कीमत में ₹45,637 और चांदी की कीमत में ₹64,766 की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सोने की कीमतों में तेजी के मुख्य कारण और भविष्य के अनुमान
सोने की कीमतों में इस उछाल के चार बड़े कारण हैं: केंद्रीय बैंकों द्वारा डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए सोने(Gold Silver) की लगातार खरीदारी, ‘ट्रम्प फैक्टर’ और फेडरल रिजर्व पर दखल की बातों से जुड़ी अमेरिका की नीति-अनिश्चितता, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने की ओर रुख कर रहे हैं; क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव और सख्त नियमों के डर से निवेशकों का सोने में पैसा लगाना, और सोने का एक लॉन्ग-टर्म एसेट(Long-term Assets) होना जो महंगाई में अपनी कीमत बनाए रखता है। विशेषज्ञों ने सोने की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान लगाया है, गोल्डमैन सैक्स ने अगले साल तक सोने का लक्ष्य ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम तक रखा है, जबकि पीएल कैपिटल ने इसे ₹1,44,000 तक जाने की संभावना व्यक्त की है।
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सुरक्षित खरीद के लिए जरूरी बातें: हॉलमार्किंग और कीमत की जाँच
सोना(Gold Silver) खरीदते समय खरीदारों को सुरक्षित और सही दाम सुनिश्चित करने के लिए दो बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, केवल ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। 1 अप्रैल से, छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) के बिना सोना नहीं बेचा जा सकता है। दूसरा, सोने का सही वजन और कीमत को IBJA जैसी विश्वसनीय सोर्सेज से क्रॉस चेक करें। ध्यान रहे कि 24 कैरेट (सबसे शुद्ध), 22 कैरेट, और 18 कैरेट सोने के भाव अलग-अलग होते हैं, और ज्वेलरी आमतौर पर 22 कैरेट या उससे कम कैरेट सोने से बनाई जाती है।
सोने की कीमतों में आई मौजूदा तेजी के दो प्रमुख कारण क्या हैं?
सोने की कीमतों में आई मौजूदा तेजी के दो प्रमुख कारण हैं:
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने और अपने भंडार में वृद्धि के लिए लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे बाजार में इसकी मांग बनी हुई है।
नीति-अनिश्चितता: ‘ट्रम्प फैक्टर’ और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर अनिश्चितता है, जिससे निवेशक डॉलर-बॉन्ड बाजार के बजाय सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
भारत में सोना खरीदते समय ग्राहकों को कौन सी दो सबसे महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए?
भारत में सोना खरीदते समय ग्राहकों को दो सबसे महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:
सर्टिफाइड गोल्ड खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क (छह डिजिट HUID सहित) लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें, ताकि शुद्धता सुनिश्चित हो सके।
कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और उस दिन का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से IBJA जैसी विश्वसनीय सोर्सेज से क्रॉस चेक करें।
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