47 लाख निवेशकों को नए साल का तोहफा
नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज(Reliance Industries) के निवेशकों के लिए नया साल खुशियों से भरा हो सकता है। कंपनी ने घोषणा की है कि उसका नया ऊर्जा कारोबार 2026 की शुरुआत से कमाई और मुनाफे में योगदान देना शुरू कर देगा। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट में लगभग ₹1.5 लाख करोड़ का निवेश किया है, जिसके तहत हाइड्रोजन, सौर, पवन ऊर्जा और बैटरी तकनीक के माध्यम से चौबीसों घंटे चलने वाली रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाएं तैयार की जा रही हैं।
जामनगर में तैयार हो रही गीगा फैक्ट्रियां
कंपनी के बैटरी और एनर्जी सिस्टम्स के प्रेसिडेंट श्रीराम रामकृष्णन(Shriram Ramakrishnan) ने बताया कि अगले साल आरईआरटीसी का उत्पादन शुरू होगा। फिलहाल रिलायंस ने चार फोटोवोल्टिक मॉड्यूल लाइनें चालू की हैं, जबकि पहली सोलर सेल लाइन जल्द ही शुरू होने वाली है। इसके अलावा, जामनगर(Jamnagar) में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स में पांच विशाल फैक्ट्रियां तैयार की जा रही हैं, जिनमें सोलर और बैटरी उत्पादन शामिल है।
नेट-जीरो लक्ष्य की ओर कदम
रामकृष्णन ने कहा कि कंपनी भारत में पूरी वैल्यू चेन तैयार कर रही है, जिसमें वेफर, पॉलीसिलिकॉन और ग्लास फैक्ट्रियां शामिल होंगी। रिलायंस(Reliance) का लक्ष्य 2035 तक नेट-जीरो कार्बन स्थिति हासिल करना है। प्रारंभिक चरण में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम गीगाफैक्ट्रियों पर काम शुरू होगा, इसके बाद पैक फैक्ट्रियां और अंत में बैटरी सेल उत्पादन एकीकृत किया जाएगा।
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विशाल निवेश और प्रगति की रफ्तार
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस(Reliance) का नया ऊर्जा निवेश वित्तीय वर्ष 2025 में ₹400 अरब के करीब पहुंच गया है। कंपनी कच्छ में 5.5 लाख एकड़ में फैले सोलर फार्म प्रोजेक्ट पर भी तेजी से कार्य कर रही है। ये प्रोजेक्ट न केवल भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बल देगा, बल्कि वैश्विक ग्रीन एनर्जी बाजार में देश की स्थिति को भी मजबूत करेगा।
रिलायंस का नया ऊर्जा कारोबार कब से शुरू होगा?
रिलायंस का नया ऊर्जा कारोबार 2026 की शुरुआत से कंपनी के राजस्व और मुनाफे में योगदान देना शुरू करेगा। प्रारंभिक उत्पादन आरईआरटीसी प्लांट्स से शुरू होगा।
इस प्रोजेक्ट से निवेशकों को क्या लाभ मिलेगा?
नई ऊर्जा परियोजनाओं के शुरू होने से कंपनी के मुनाफे में वृद्धि होगी, जिससे शेयरधारकों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा। साथ ही, कंपनी का नेट-जीरो मिशन पर्यावरणीय रूप से भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
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