सोने के दाम स्थिर, चांदी ने बनाया रिकॉर्ड
नई दिल्ली: करवा चौथ से ठीक पहले चांदी(Silver) की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली। राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को चांदी 6,000 रुपये की उछाल के साथ 1,63,000 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। भू-राजनीतिक तनावों, आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व(US Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के चलते वैश्विक बाजारों में निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के रूप में चांदी की ओर रुख किया है।
एक सप्ताह में दूसरी बार बड़ी बढ़त
पिछले सात दिनों में यह दूसरी बार है जब चांदी(Silver) में इतनी बड़ी तेजी दर्ज की गई। छह अक्टूबर को भी चांदी 7,400 रुपये की वृद्धि के साथ 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंची थी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ(All India Sarafa Association) के अनुसार बुधवार को कारोबार के अंत में चांदी की कीमत 1,57,000 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी, जो अगले ही दिन नए स्तर पर पहुंच गई।
सोने के दाम स्थिर, निवेशकों में उत्साह
स्थानीय सर्राफा बाजार में सोना(Silver) हालांकि स्थिर रहा। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,26,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर अपरिवर्तित रहा। यह अब तक का उच्चतम स्तर है। निवेशकों के बीच चांदी में बढ़ती रुचि के बावजूद सोने में सीमित हलचल देखने को मिली।
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वैश्विक बाजारों में भी दिखा असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाजिर सोना मामूली गिरावट के साथ 4,039.26 डॉलर प्रति औंस पर रहा जबकि चांदी(Silver) एक प्रतिशत से अधिक उछलकर 49.67 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई। MCX पर भी रुझान समान रहा, जहां दिसंबर डिलीवरी वाला सोना 472 रुपये या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,22,737 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, चांदी 645 रुपये की बढ़त के साथ 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी।
करवा चौथ से पहले चांदी की मांग क्यों बढ़ी?
त्योहारी सीजन में आभूषण और उपहार के लिए चांदी की मांग बढ़ जाती है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ते रुझान ने भी इसकी कीमतों को ऊपर धकेला। घरेलू निवेशक अब इसे दीर्घकालिक लाभ के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
सोने की कीमत स्थिर रहने के क्या कारण हैं?
सोने की कीमतें पिछले कुछ हफ्तों से उच्च स्तर पर टिक गई हैं, जिससे नई खरीद सीमित हो गई है। इसके अलावा डॉलर की मजबूती और फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतजार भी सोने की चाल को प्रभावित कर रहा है।
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