मुंबई । बॉलीवुड की खलनायिका बिंदू देसाई (Bindu Desai) ने कभी पर्दे पर लड़ाकू सास बनकर बहूओं की नाक में दम किया, तो कभी गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड (Girlfriend) बनकर भी सिनेमा पर राज किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिंदू को पहली फिल्म से नहीं बल्कि दूसरी फिल्म से सफलता मिली?
परिवार और प्रारंभिक संघर्ष
बिंदू देसाई के पिता नानूभाई देसाई चाहते थे कि वह डॉक्टर या इंजीनियर बने, लेकिन बिंदू को सिनेमा से लगाव था और वह बहुत खूबसूरत थीं। विटी फेस होने की वजह से उन्हें बतौर लीड एक्ट्रेस रोल (Lead Actress Roll) ऑफर नहीं हुआ। पिता की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए उन्होंने फिल्मों का रुख किया और उनके जीजा लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने इसमें मदद की।
फिल्मी करियर की शुरुआत
बिंदू ने 1962 में आई फिल्म ‘अनपढ़’ में साइड रोल किया। उस समय उनकी उम्र 21 साल थी। यह फिल्म फ्लॉप रही, लेकिन दूसरी फिल्म ‘दो रास्ते’ उनके लिए लकी साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने निगेटिव रोल निभाया।
एक इंटरव्यू में बिंदू ने बताया कि शुरुआत में वह निगेटिव रोल करने से कतरा रही थीं, लेकिन परिवार वालों ने उन्हें हिम्मत दी। फिल्म हिट रही और इसने उनके करियर की दिशा बदल दी।
सफलता और निगेटिव इमेज
इसके बाद बिंदू ने इत्तफाक, आया सावन झूम के, डोली, कटी पतंग, जंजीर जैसी फिल्मों में काम किया। उन्हें लगातार निगेटिव रोल मिलने लगे और उनकी इमेज पूरी तरह से खलनायिका की बन गई।
असल जिंदगी में भी लोग उन्हें पर्दे की खलनायिका की तरह ही देखते थे। बिंदू ने कहा कि कई महिलाओं को लगता था कि वह उनके पतियों को हड़प लेंगी, जबकि वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं था।
वर्तमान जीवन
आज बिंदू अपने परिवार और पति के साथ मुंबई में रहती हैं और इंटरव्यू एवं शो में दिखाई देती रहती हैं। उन्हें आखिरी बार 2008 में फिल्म ‘महबूबा’ में देखा गया। 1970 के दशक में बिंदू देसाई बॉलीवुड की सबसे जिज्ञासु और चर्चित वैम्प अदाकारा थीं, जिनका आकर्षण लीड रोल करने वाली अभिनेत्रियों से भी ज्यादा था।
अभिनेत्री बिंदु की जीवनी क्या है?
अभिनेत्री बिंदु का जन्म 17 अप्रैल 1941 को गुजरात के वलसाड में हुआ था। अपने पिता की मृत्यु के बाद 13 साल की उम्र में परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई और उन्होंने 1962 में फिल्म अनपढ़ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
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