दारुल उलूम देवबंद: जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता मौलाना राशिद महमूद सुमरो के एक बयान ने इंडिया में नया राजनीतिक और सामाजिक तकरार खड़ा कर दिया है।
उन्होंने हाल ही में एक वीडियो में कहा कि, “आवश्यकता पड़ी तो हम पाकिस्तानी सेना के साथ खड़े होकर लड़ेंगे और हिंदुस्तान में प्रवेश करके देवबंद में चाय नाश्ता करेंगे।”
इस बयान को लेकर देशभर में प्रतिपक्ष आरंभ हो गया है।
विकास त्यागी ने देवबंद की गतिविधियों पर उठाए प्रश्न
बजरंग दल के उत्तर प्रदेश के पूर्व संयोजक विकास त्यागी ने इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि सुमरो खुलकर दारुल उलूम देवबंद का नाम ले रहा है, और यह गंभीर चिंता का बात है।
त्यागी का कहना है:
“इंडियन गवर्नमेंट को तुरंत इस विवाद में संज्ञान लेकर दारुल उलूम देवबंद और सुमरो जैसे पाकिस्तान समर्थकों के बीच संभावित संबंधों की निरीक्षण करनी चाहिए।”
देवबंद से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं
त्यागी ने यह भी कहा कि दारुल उलूम देवबंद की चुप्पी इस विवाद को और संदिग्ध बना रही है।
उन्होंने इलज़ाम लगाया कि जब तक संस्था इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करती, तब तक संदेह और गंभीरता।
“जब पाकिस्तान का कोई आतंकवादी इंडिय के भीतर घुसकर किसी हिंदुस्तान संस्था का नाम लेकर बयान देता है और वह संस्था चुप रहती है, तो ये सामान्य नहीं माना जा सकता।” — विकास त्यागी
दारुल उलूम देवबंद—एक परिचय
देवबंद भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सहारनपुर जिले के देवबंद में स्थित एक प्रसिद्ध इस्लामी मदरसा है।
यह मदरसा विश्व स्तर पर इस्लामी शिक्षण और धार्मिक ज्ञान के लिए जाना जाता है, लेकिन समय-समय पर यह राजनीतिक कलह में भी घिरता रहा है।
गवर्नमेंट से छानबीन और कार्रवाई की मांग
विकास त्यागी ने केंद्र गवर्नमेंट से आग्रह किया है कि:
- इस विवाद में खुफिया छानबीन कराई जाए
- दारुल उलूम की निधीकरण, चालढालऔर संपर्कों की गहन पड़ताल की जाए
- यदि कोई संदिग्ध संबंध पाए जाते हैं, तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाए