ISI के FT मॉड्यूल: कश्मीर घाटी में हिफ़ाज़त एजेंसियों ने एक खतरनाक ट्रेंड की पहचान की है। हालिया निरीक्षण और ऑपरेशनों में यह सामने आया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने अपने विदेशी आतंकवादी (Foreign Terrorist) मॉड्यूल को सक्रिय कर दिया है। इस मॉड्यूल के ज़रिए बड़ी संख्या में विदेशी आतंकियों को कश्मीर भेजा जा रहा है।
FT मॉड्यूल क्या है और कैसे करता है काम
विदेशी आतंकवादी मॉड्यूल दरअसल एक रिप्लेसमेंट रणनीति है, जिसे ISI ने तब अपनाया जब स्थानीय उग्रवादीयों की भर्ती में भारी गिरावट देखने को मिली।
- 2021 में 125 स्थानीय युवक उग्रवादी बने थे।
- 2024 में यह संख्या घटकर सिर्फ 7 रह गई।
इस कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने LeT, JeM, TRF, PAFF और कश्मीर टाइगर्स जैसे संस्थाहो के ज़रिए ट्रेन किए गए विदेशी आतंकियों को भेजना आरंभ किया।
जांच में मिले चौंकाने वाले आंकड़े
2024 में हिफ़ाज़त एजेंसियों द्वारा मारे गए कुल 68 आतंकियों में से 42 विदेशी आतंकी थे।
- नॉर्थ कश्मीर के बारामुला ज़िले में सबसे अधिक मुठभेड़ हुईं, जहां 14 आतंकी मारे गए।
- जम्मू क्षेत्र में 35 से अधिक विदेशी आतंकी ढेर किए गए।

इनमें से अधिकतर आतंकी LoC के ज़रिए भारत में घुसपैठ के दौरान या फिर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ों में मारे गए।
स्थानीय नेटवर्क और मददगारों पर कार्रवाई
हिफ़ाज़त एजेंसियां अब FT मॉड्यूल से जुड़े लोकल सपोर्ट नेटवर्क को तोड़ने पर ध्यान दे रही हैं।
- NIA और सेना की हालिया छापेमारी में कई मददगारों की पहचान हुई है।
- इन लोगों से पूछताछ कर FT मॉड्यूल के ऑपरेशन को क्रैक करने की कोशिश हो रही है।
- घाटी में चल रहे ऑपरेशनों के ज़रिए उग्रवादीयों की रसद आपूर्ति और ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है।
घाटी में आतंक का बदलता चेहरा
FT मॉड्यूल के जरिए पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन अब स्थानीय भर्ती में गिरावट और विदेशी उग्रवादीयों के खुलासे से हिफ़ाज़त एजेंसियों को रणनीतिक बढ़त मिल रही है।