गरीबों का शोषण कर रहे हैं झोलाछाप डॉक्टर
हैदराबाद। पुराने शहर में झोलाछाप डॉक्टर (Fake doctor) मरीजों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। फलकनुमा के फातिमानगर की गंदी गलियों में 10×10 फीट की एक छोटी सी मुलगी (दुकान) है, जिसके बाहर एक चमकता हुआ बल्ब लगा है और एक हरा कपड़ा है जो इसे लोगों की नजरों से बचाता है। अंदर, कुछ बेंच, एक मेडिकल जांच बिस्तर, एक कुर्सी, एक मेज और कुछ छोटे बक्से हैं जिनमें ढीली गोलियां हैं। एक आदमी, जो खुद को एक मेडिकल प्रैक्टिशनर (Medical Practitioner) बताता है, बुज़ुर्ग लोगों की बात सुनता है और फिर जल्दी से मुट्ठी भर गोलियां छोटे-छोटे पाउच में भरकर देता है, और उन्हें कई बीमारियों से ठीक होने का वादा करता है।
वह पुराने शहर में काम करने वाले कई अयोग्य झोलाछाप डॉक्टरों में से एक है। हैदराबाद के झुग्गी-झोपड़ियों वाले इलाकों में चिकित्सीय झोलाछाप अब भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं, जहां अनधिकृत व्यक्ति अस्थायी क्लीनिक चलाते हैं और इलाज के नाम पर गरीबों का शोषण करते हैं।
स्थानीय नेता झोलाछाप डॉक्टरों के साथ मिलकर पुलिस को करते हैं मैनेज
स्थानीय सरकारी डॉक्टर मोहम्मद नजीबुद्दीन (बदला हुआ नाम) ने शिकायत की। उन्होंने बताया कि ये झोलाछाप डॉक्टर आम तौर पर 40 रुपये लेते हैं और तीन से पांच दिनों तक खाने के लिए बिना लेबल वाली गोलियां देते हैं। कुछ मामलों में, वे IV फ्लूइड भी देते हैं। वे मरीजों को सरकारी सुविधाओं या लाइसेंस प्राप्त डॉक्टरों के पास नहीं भेजते हैं और अक्सर तब तक इलाज जारी रखते हैं जब तक कि मरीज की हालत गंभीर नहीं हो जाती।
पकड़े जाने से बचने के लिए ये अवैध क्लीनिक कई इलाकों में मुख्य रूप से रात 8.30 बजे से आधी रात के बीच संचालित होते हैं। फलकनुमा के एक सामाजिक कार्यकर्ता तैयब्बा सुल्ताना ने आरोप लगाया कि रात 9 बजे तक स्वास्थ्य विभाग और औषधि नियंत्रण प्रशासन के अधिकारियों की ड्यूटी खत्म हो जाती है, इसलिए किसी भी तरह की जांच का कोई खतरा नहीं होता। स्थानीय नेता झोलाछाप डॉक्टरों के साथ मिलकर पुलिस को मैनेज करते हैं।

जांच के लिए एक विशेष अभियान
ये बिना लाइसेंस वाले क्लीनिक वट्टेपल्ली, अंसारी रोड, तेगलकुंटा, घोसनगर, जहांगीराबाद, हफीज बाबा नगर सी ब्लॉक, अमाननगर सिद्दीकीनगर, मौला का चिल्ला, हसननगर इंदिरानगर, महमूदनगर अट्टापुर, बिस्मिल्लाह कॉलोनी, बालापुर और बशरथनगर कालापत्थर जैसे क्षेत्रों में बताए गए हैं। इससे पहले, शहर की पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टरों की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाया था। वकील और सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद नबी ने कहा कि अब पुलिस इंस्पेक्टर यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि अन्य विभाग हैं जिन्हें उल्लंघनों पर ध्यान देना चाहिए। झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान से खेल रहे हैं और इलाज के नाम पर उन्हें तब तक ठगते रहते हैं जब तक कि मरीज की हालत गंभीर नहीं हो जाती।
संपर्क करने पर हैदराबाद पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जब भी सूचना मिलती है तो आयुक्त का टास्क फोर्स स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर छापेमारी करता है। अधिकारी ने कहा, ‘अगर लोगों को कोई जानकारी है तो वे स्थानीय पुलिस या टास्क फोर्स से संपर्क कर सकते हैं। हमारे लोग हमेशा ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी डिग्री रखने वालों की तलाश में रहते हैं और उनके खिलाफ केस दर्ज करते हैं।’
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