कोर्ट में फूट-फूट कर रोए
Prajwal Revanna : पूर्व सांसद और निलंबित जेडीएस (JDS) नेता प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को शुक्रवार को बंगलूरू की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया। उन्हें चार यौन शोषण और दुष्कर्म के मामलों में से एक में दोषी ठहराया गया है। बताया गया कि जब उन्हें दोषी ठहराया गया तब वे कोर्ट में ही फूट-फूट कर रोए। मामले में विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट शनिवार को सजा की घोषणा करेंगे।
क्या है मामला?
Prajwal Revanna : मामला 48 साल की एक महिला से जुड़ा हुआ है, जो हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित परिवार के गन्निकाडा फार्महाउस में सहायिका के रूप में काम करती थी। 2021 में उसके साथ कथित तौर पर दो बार दुष्कर्म किया गया। आरोपी ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड भी किया।
रेवन्ना जेडीएस के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा के पोते
दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। उनके खिलाफ मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं।
मामला कब समने आया?
मामले तब प्रकाश में आए, जब प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित अश्लील वीडियो वाले पेन-ड्राइव कथित तौर पर हासन में 26 अप्रैल, 2024 को होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले प्रसारित किए गए।
पिछले साल 31 मई को गिरफ्तार किया गया
प्रज्वल रेवन्ना को पिछले साल 31 मई को जर्मनी से बंगलूरू हवाई अड्डे पर पहुंचने पर होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के सिलसिले में एसआईटी ने गिरफ्तार किया था।
2024 के लोकसभा चुनावों में झेली हार
रेवन्ना 2024 के लोकसभा चुनावों में हासन संसदीय क्षेत्र पर जीत हासिल करने में विफल रहे थे। उनके खिलाफ दर्ज मामलों के बाद जेडीएस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।
पूर्व सांसद को क्या सुविधा मिलती है?
इसे सुनेंइसमें संसदीय भत्ता 70 हजार, कार्यालय खर्च भत्ता 60 हजार और संविधान सभा भत्ता 2 हजार रुपये मिलते थे। नई घोषणा के तहत दैनिक भत्ते को दो हजार रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है। वहीं, पूर्व सांसदों को पेंशन के रूप में प्रतिमाह मिलने वाले 25000 रुपये खर्च को बढ़ाकर 31 हजार रुपये कर दिया गया है।
सांसद और विधानसभा में क्या अंतर है?
लोकसभा पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय संसद का निचला सदन है।जबकि विधानसभा विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य विधानमंडल का निचला सदन है। इन दोनों के कार्य लगभग समान हैं लेकिन दोनों शासन के विभिन्न स्तरों पर कार्य करते हैं।