Cheetah Management भारत से सीखना चाहता है ईरान तेजी से घट रही ईरान में चीता की आबादी
Cheetah Management को लेकर ईरान अब भारत के अनुभव से सीखने की कोशिश कर रहा है। ईरान में एशियाटिक चीता की आबादी तेजी से घट रही है और इसे लेकर वहां की सरकार और वन्यजीव विशेषज्ञों में चिंता साफ तौर पर देखी जा सकती है। हाल ही में दायर की गई एक RTI (सूचना का अधिकार) के जरिए यह खुलासा हुआ कि ईरान ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार से चीता संरक्षण तकनीकों, रिहैबिलिटेशन, और प्रबंधन पर सहयोग की इच्छा जताई है।
RTI से सामने आई अहम जानकारी
RTI के माध्यम से प्राप्त दस्तावेज़ों के अनुसार, ईरान के पर्यावरण मंत्रालय ने भारतीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को एक पत्र भेजा है, जिसमें भारत द्वारा किए गए Cheetah Management प्रयासों की सराहना करते हुए उनसे विशेषज्ञ सहायता मांगी गई है। भारत में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीते लाकर सफलतापूर्वक ‘चीता पुनर्वास परियोजना’ को लागू किया गया है, जिससे ईरान को भी उम्मीद की किरण नजर आ रही है।

भारत बना है Cheetah Management का उदाहरण
भारत के मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीता पुनर्वास कार्यक्रम ने वैश्विक स्तर पर Conservation का एक नया मानक स्थापित किया है।
इस परियोजना के अंतर्गत:
- नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 से अधिक चीते लाए गए
- आधुनिक रेडियो कॉलर और ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए
- चीता के भोजन, स्वास्थ्य और व्यवहार पर सतत निगरानी रखी गई
इन सभी प्रयासों को देखकर ईरान के वैज्ञानिकों और नीति निर्धारकों ने माना है कि Cheetah Management में भारत ने अद्वितीय सफलता हासिल की है, जिससे उन्हें सीखने की आवश्यकता है।
ईरान में क्यों घट रही है चीता आबादी?
ईरान में मौजूदा समय में एशियाटिक चीता की संख्या 15 से भी कम बताई जाती है। इसके घटने के प्रमुख कारण हैं:
- शिकार और अवैध तस्करी
- जलवायु परिवर्तन
- आवास नष्ट होना
- संरक्षण नीतियों की कमी
इन कारणों ने ईरान को चीता संरक्षण के लिए नए मार्ग की तलाश में डाल दिया है, और भारत इस दिशा में एक प्रेरणास्त्रोत बनकर उभरा है।

भारत-ईरान के बीच संभावित सहयोग
Cheetah Management को लेकर दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग,
प्रशिक्षण और संसाधनों के आदान-प्रदान की योजना बन सकती है।
इससे न केवल ईरान में चीता आबादी को बचाया जा सकेगा,
बल्कि भारत की वैश्विक भूमिका भी पर्यावरण संरक्षण में और मज़बूत होगी।
Cheetah Management आज की सबसे जरूरी पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है।
भारत के अनुभव और सफलता को देखकर अब ईरान भी यही रास्ता अपनाने की सोच रहा है।
यदि दोनों देशों के बीच इस विषय पर सहयोग होता है,
तो यह वैश्विक वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।