स्वास्थ्य केंद्रों में आ रहे वायुजनित बीमारियों के लक्षणों वाले मरीज
हैदराबाद : हैदराबाद में खराब मौसम ने मौसमी बीमारियों (Viral Fever) के बढ़ने के लिए आदर्श माहौल बना दिया है। क्लीनिक, नर्सिंग होम, बस्ती दवाखाना, गांधी अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग, नल्लाकुंटा स्थित फीवर अस्पताल और उस्मानिया जनरल अस्पताल (Hospital) में सामान्य से ज़्यादा मरीज़ आने लगे हैं। रिपोर्ट की जा रही लगभग सभी बीमारियां वेक्टर और जलजनित, वायरल बुखार और इन्फ्लूएंजा से संबंधित हैं। निजी और सरकारी अस्पतालों से रिपोर्ट किए जा रहे मामलों के आधार पर, डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल बुखार व इन्फ्लूएंजा जैसी वायुजनित बीमारियों के लक्षणों वाले मरीज़ स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में आ रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की अतिरिक्त भीड़
जन स्वास्थ्य निदेशक (डीपीएच), डॉ. बी. रविंदर नायक सलाह देते हैं, ‘कम तापमान और अधिक आर्द्रता मौसमी बीमारियों, खासकर वेक्टर, जल और वायु जनित रोगों को जन्म देती है। सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। हालांकि, आम लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए और अपनी तरफ से सावधानियां बरतनी चाहिए।’ डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के प्रजनन से निपटने के लिए, सार्वजनिक स्वास्थ्य शाखा ने लोगों से सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को ‘शुष्क दिवस’ के रूप में मनाने का आग्रह किया है ताकि वे अपने घरों के आसपास जमा पानी से छुटकारा पा सकें।
मच्छर भगाने वाले उत्पादों का करें इस्तेमाल
सलाह में कहा गया है, ‘जाल, स्क्रीन और मच्छर भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें। पानी के जमाव को रोकने के लिए घरेलू प्रणालियों को बनाए रखें। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए घरेलू सेप्टिक टैंकों को जाली से ढक दें।’ लोगों को दूषित पानी और भोजन से बचने की सलाह देने के अलावा, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए बुनियादी खांसी शिष्टाचार बनाए रखने का आग्रह किया है।

वायु जनित रोग कौन सा है?
ऐसे रोग जो हवा के माध्यम से फैलते हैं, उन्हें वायु जनित रोग कहा जाता है। इनमें तपेदिक, खसरा, चेचक, फ्लू और कोविड-19 प्रमुख हैं। इन रोगों के रोगाणु हवा में मौजूद कणों या बूंदों के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुंचते हैं और संक्रमण फैलाते हैं।
वायु प्रदूषण से कौन-कौन से रोग होते हैं?
वायु प्रदूषण से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक और एलर्जी जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। धूल, धुआं, गैसें और रसायन श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।
वायुजनित कवक रोग क्या हैं?
ये रोग हवा में मौजूद कवक के बीजाणुओं से फैलते हैं। जैसे एस्परगिलोसिस, क्रिप्टोकोकोसिस और ब्लास्टोमाइकोसिस। जब कोई व्यक्ति इन बीजाणुओं को सांस के साथ अंदर लेता है, तो ये फेफड़ों और श्वसन तंत्र में संक्रमण पैदा करते हैं, खासकर कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में।
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