धनाढ्य प्रवासियों के लिए नागरिकता का रास्ता खुला
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड'(Gold Card) के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। इस कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर (करीब ₹8.8 करोड़) निर्धारित की गई है, हालांकि कंपनियों को ‘कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड’ के लिए 2 मिलियन डॉलर देने होंगे। यह कार्यक्रम, जिसे पहले 5 मिलियन डॉलर पर प्रस्तावित किया गया था, अब अमेरिका को ‘टॉप टैलेंट’ (जैसे भारत और चीन से पढ़े छात्र) को देश में रोकने और विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए अमेरिकी फर्स्ट एजेंडे का हिस्सा है। होमलैंड(Homeland) सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा कि यह कदम दुनिया के सफल उद्यमियों को आकर्षित करेगा। गोल्ड कार्ड के तहत, नागरिकों को पासपोर्ट और वोट देने का अधिकार नहीं मिलता, लेकिन बाकी सभी सुविधाएँ एक अमेरिकी नागरिक जैसी मिलती हैं।
सरकारी खजाना बढ़ाना और ‘सिर्फ़ टैलेंटेड’ को वीज़ा
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि यह वीज़ा प्रोग्राम(Visa Programme) खास तौर पर धनी विदेशियों के लिए है ताकि वे 1 मिलियन डॉलर देकर अमेरिका में रहते हुए काम कर सकें। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अब अमेरिका सिर्फ़ ‘टैलेंटेड लोगों’ को ही वीज़ा देगा, न कि ऐसे लोगों को जो अमेरिकियों की नौकरियाँ छीन सकते हैं। ट्रम्प ने यह भी स्पष्ट किया कि इस निवेश की गई राशि का उपयोग टैक्स को घटाने और सरकारी कर्ज़ चुकाने में किया जाएगा, जिससे सरकारी खजाना बढ़ेगा। ट्रम्प गोल्ड कार्ड व्यक्ति को अमेरिका में अनलिमिटेड रेसीडेंसी (हमेशा रहने) का अधिकार देगा। जल्द ही 5 मिलियन डॉलर की फीस वाला ‘ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड’ भी शुरू होने की उम्मीद है।
मौजूदा वीज़ा श्रेणियों का प्रतिस्थापन
कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक के अनुसार, यह नया गोल्ड कार्ड मौजूदा EB-1 और EB-2 वीज़ा श्रेणियों की जगह लेगा, और ये ग्रीन कार्ड(Gold Card) श्रेणियाँ बंद हो सकती हैं। EB-1 वीज़ा उन लोगों के लिए स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) वीज़ा है जो असाधारण क्षमता, उत्कृष्ट प्रोफेसर या शोधकर्ता हैं। वहीं, EB-2 वीज़ा भी ग्रीन कार्ड के लिए है, लेकिन उन लोगों के लिए जो उच्च शिक्षा (मास्टर्स या उससे ऊपर) की योग्यता रखते हैं या जिनके पास असाधारण क्षमता है। ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ के अलावा, ‘ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड’ और ‘कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड’ भी लॉन्च किए गए हैं, जो धनी निवेशकों और उच्च-कौशल वाले पेशेवरों को आकर्षित करने की अमेरिकी रणनीति का हिस्सा हैं।
‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ की कीमत कितनी है और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसकी कीमत 1 मिलियन डॉलर (लगभग ₹8.8 करोड़) है। इसका मुख्य उद्देश्य धनी विदेशियों और ‘टॉप टैलेंट’ को अमेरिका में निवेश करने और रहते हुए काम करने के लिए आकर्षित करना है, ताकि अमेरिकी सरकारी खजाना बढ़ सके।
‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ किस तरह के वीज़ा की जगह लेगा और इस कार्ड से नागरिक को कौन से अधिकार नहीं मिलते हैं?
यह गोल्ड कार्ड(Gold Card) मौजूदा EB-1 और EB-2 वीज़ा श्रेणियों की जगह लेगा। इस कार्ड के तहत नागरिकों को पासपोर्ट और वोट देने का अधिकार नहीं मिलता है, बाकी सारी सुविधाएँ मिलती हैं।
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