ट्रम्प सरकार का आरोप – ‘अमेरिकन ड्रीम’ चुराया
वॉशिंगटन: ट्रम्प प्रशासन के लेबर डिपार्टमेंट ने H-1B वीज़ा के कथित गलत इस्तेमाल को लेकर कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डिपार्टमेंट द्वारा जारी एक वीडियो में कहा गया है कि कंपनियों ने कम सैलरी वाले विदेशी कर्मचारियों को अवैध तरीके से नौकरियां देकर अमेरिकी युवाओं के ‘अमेरिकन ड्रीम’ को चुराया है। यह वीडियो उन राजनेताओं और नौकरशाहों पर भी दोष डालता है जो कंपनियों को यह गड़बड़ी करने देते हैं। डिपार्टमेंट के अनुसार, H-1B वीज़ा होल्डर्स(Visa Holders) में 72% हिस्सा भारतीयों का है, जो इस वीज़ा प्रोग्राम में उनकी बड़ी हिस्सेदारी को दर्शाता है। लेबर डिपार्टमेंट का दावा है कि वे राष्ट्रपति ट्रम्प और सेक्रेटरी लोरी चावेज-डेरमर के नेतृत्व में इस दुरुपयोग के लिए कंपनियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’: सख्त निगरानी और प्राथमिकता
H-1B वीज़ा के दुरुपयोग को रोकने और अमेरिकी कामगारों के हितों की रक्षा के लिए लेबर डिपार्टमेंट ने सितंबर 2025 में ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’(Project Firewall) नामक एक कार्यक्रम शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य H-1B वीज़ा पर सख्त निगरानी रखना है। इसके तहत कंपनियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे विदेशी कामगारों को नौकरी देने से पहले अमेरिकियों को प्राथमिकता दें। ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ के तहत कंपनियों की गहन जांच की जाएगी, और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो प्रभावित कर्मचारियों को बकाया सैलरी देनी होगी, सिविल पेनल्टी लगाई जाएगी, और कंपनी को एक तय समय के लिए H-1B प्रोग्राम से बाहर कर दिया जाएगा।
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H-1B वीज़ा शुल्क में ऐतिहासिक वृद्धि
H-1B वीज़ा पर विदेशी कामगारों की निर्भरता कम करने के उद्देश्य से, अमेरिकी सरकार ने पिछले महीने वीज़ा शुल्क में एक ऐतिहासिक वृद्धि की है। अब नए H-1B वीज़ा के लिए 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपए) की फीस चुकानी होगी। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट के अनुसार, यह शुल्क वन टाइम होगा और इसे एप्लीकेशन जमा करते समय देना होगा। यह बढ़ा हुआ शुल्क 21 सितंबर 2025 से लागू हो चुका है और यह केवल नए वीज़ा होल्डर्स पर लागू होगा, पुराने H-1B वीज़ा धारकों पर नहीं। पहले इस वीज़ा का कुल खर्च 6 साल के लिए लगभग 11 से 13 लाख रुपए आता था, जिसके मुकाबले यह नई फीस एक बहुत बड़ा उछाल है।
ट्रम्प सरकार के अनुसार, H-1B वीज़ा होल्डर्स में सबसे बड़ा हिस्सा किस देश के नागरिकों का है?
ट्रम्प सरकार के लेबर डिपार्टमेंट के वीडियो के अनुसार, H-1B वीज़ा होल्डर्स का 72% हिस्सा भारतीयों का है, जो इसमें सबसे बड़ा हिस्सा है।
‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ का प्राथमिक उद्देश्य क्या है और यह कब शुरू किया गया?
‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ का प्राथमिक उद्देश्य अमेरिकी कामगारों के अधिकार, वेतन और नौकरी के मौके बचाना है, जिसके लिए कंपनियों को H-1B वीज़ा के गलत इस्तेमाल के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है। यह कार्यक्रम सितंबर 2025 में शुरू किया गया था।
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