वॉशिंगटन,। नब्बे के दशक में थमी परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की दौड़ एक बार फिर शुरू होने के संकेत दिख रही है। जो देश परमाणु निरस्त्रीकरण की बात करते थे, अब वे अपने जखीरे बढ़ाने में जुट गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इसमें दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु शक्ति संपन्न देश अमेरिका भी शामिल है।
ट्रंप का बयान बना विवाद का केंद्र
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में परमाणु परीक्षण की बात कहकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या अमेरिका वाकई भूमिगत परमाणु विस्फोट करने वाला है, तो ट्रंप ने रहस्यमय अंदाज में कहा कि “बहुत जल्द पता चल जाएगा। हम कुछ परीक्षण करने जा रहे हैं। दूसरे देश ऐसा कर रहे हैं, तो अगर वे करेंगे तो हम भी करेंगे।”
साफ संकेत या रणनीतिक अस्पष्टता?
ट्रंप की यह टिप्पणी न केवल अमेरिकी नीति में बदलाव का संकेत देती है, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी गहरा खतरा पैदा कर रही है। हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये परीक्षण मिसाइलों के होंगे या परमाणु वारहेड्स के। लेकिन उनकी हालिया सोशल मीडिया (Social Media) पोस्ट ने अटकलों को हवा दे दी कि अमेरिका लगभग तीस साल बाद फिर से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर सकता है।
अमेरिकी प्रशासन की रक्षा—‘यह जिम्मेदार कदम होगा’
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इस मुद्दे पर ज्यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर हम परीक्षण फिर शुरू करते हैं, तो यह एक “जिम्मेदार कदम” होगा। उनका कहना था कि राष्ट्रपति का मकसद अमेरिका की विश्वसनीय परमाणु प्रतिरोध क्षमता को बरकरार रखना है।
रूस की चेतावनी—’अगर अमेरिका करेगा, तो हम भी करेंगे’
इस बीच रूस ने ट्रंप की पोस्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मॉस्को ने कहा कि उसने अब तक वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं किया है, लेकिन अगर अमेरिका परीक्षण शुरू करता है, तो रूस भी ऐसा करेगा। इससे शीत युद्ध जैसी स्थिति फिर बन सकती है।
वैश्विक स्थिरता पर मंडराता खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका का यह कदम वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। ट्रंप के इस बयान से न केवल अमेरिका में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता और भ्रम फैल गया है। अमेरिका ने 1992 के बाद से कोई परमाणु विस्फोट नहीं किया है। उसने सीटीबीटी पर हस्ताक्षर तो किए, लेकिन उसे अब तक मंजूरी नहीं दी।
विश्व का सबसे बड़ा युद्ध क्या है?
विश्व युद्ध ,दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से ज्यादातर शामिल देशों द्वारा लड़े गए युद्ध हैं। अन्य युद्धों के विपरीत, विश्व युद्ध में लगभग सभी देश भाग लेते हैं और सभी लोगों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उनका असर पड़ता है।
विश्व युद्ध 1 में कौन जीता था?
1918 ई. में ब्रिटेन , फ़्रांस और अमेरिका ने जर्मनी आदि राष्ट्रों को पराजित किया। जर्मनी और आस्ट्रिया की प्रार्थना पर 11 नवम्बर 1918 को युद्ध की समाप्ति हुई।।
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