ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (PM Seikh Hasina) को फांसी देने की मांग लंबे समय से उठ रही है। आरोपों पर हो रही सुनवाई में आज उन्हें सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया जा सकता है। फैसले से पहले ढाका में हिंसा भड़क उठी और उपद्रवियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के सलाहकार के घर पर बम फेंककर हमला किया। बढ़ती हिंसा को देखते हुए देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं।
आज आएगा आईसीटी का बड़ा फैसला
आज, सोमवार को बांग्लादेश का इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल (ICT) शेख हसीना पर लगे मानवता के खिलाफ अपराध मामले में अपना फैसला सुना सकता है। सरकार की ओर से ट्राइब्यूनल से लगातार उन्हें फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है। ट्राइब्यूनल के वकील ने कहा कि हसीना को अधिकतम सजा दी जा सकती है। साथ ही हसीना की संपत्ति को सीज कर उसकी नीलामी करने और हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को राशि देने की मांग भी रखी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि अदालत उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए 30 दिन का समय दे। अगर वह ऐसा नहीं करतीं, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार भी नहीं मिलेगा।
सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी की तैयारियां
गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी (Jhagir Alam Choudhary) ने बताया कि पूरे देश में कानून-व्यवस्था संभालने के लिए सुरक्षा बलों ने आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। ढाका में फोर्स की भारी तैनाती की गई है और पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है।
यूनुस के सलाहकार के घर बम हमला
इस बीच देश के कई हिस्सों से हिंसा और उपद्रव की खबरें आ रही हैं। ढाका में मोहम्मद यूनुस के सलाहकार सैयद रिजवाना हसन के घर के बाहर क्रूड बमों से हमला किया गया और आगजनी की गई।
इसी तरह कॉक्सबाजार में भी तनाव की स्थिति है, जहां शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। कई शहरों में भीड़ और उपद्रव की खबरें मिल रही हैं।
देखते ही गोली मारने का आदेश
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) आयुक्त एसएम सज्जात अली ने कहा, “मैंने वायरलेस पर संदेश दिया है कि जो कोई भी बसों में आग लगाए या बम फेंके, उसे गोली मार दी जाए।” शेख हसीना, उनके गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पिछले वर्ष विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध करने के गंभीर आरोप हैं। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, प्रताड़ना और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं।
हसीना बोलीं— मेरे खिलाफ साजिश
अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब उनके खिलाफ साजिश है। उन्होंने कहा, “मुझे मौत से डर नहीं, मैं देश के लोगों के लिए काम कर रही हूं और करती रहूंगी।”
हसीना ने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने एक सुनियोजित योजना के तहत उनकी सरकार को हटाया। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 7(बी) में स्पष्ट है कि अगर किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को बलपूर्वक हटाया जाता है तो यह दंडनीय अपराध है। उन्होंने अभियोजकों पर झूठे आरोप लगाने का आरोप भी लगाया और कहा कि झूठे मामलों पर कानूनन कार्रवाई होनी चाहिए और एक दिन ऐसा होगा।
शेख हसीना के पति किस लिए जाने जाते थे?
6 फरवरी 1942 – 9 मई 2009) एक बांग्लादेशी भौतिक विज्ञानी और भौतिकी में कई ग्रंथों और कुछ राजनीतिक इतिहास की पुस्तकों के लेखक, बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पति थे।
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