हैदराबाद: 42 सालों तक जगंलों में सक्रिय रहने वाली कुख्यात महिला माओवादी कमांडर (Commander) सीपीआई (माओवादी )वरिष्ठ नेता पोथुला पद्मावती (Pothula Padmavati) ने शनिवार को पुलिस महानिदेशक की उपस्थिति में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पोथुला को पद्मावती को कल्पना, सुजाता, मयनाक्का आदि नामों से जाना जाता है। उसके ऊपर 25 लाख रुपए का नकद इनाम था। राज्य सरकार ने उसे इनाम की धन राशि सौंप दी।
43 वर्षों तक आंदोलन से जुड़ी रहीं कल्पना अब 62 साल की
वह 43 वर्षों तक माओवादी आंदोलन से जुड़ी रहीं कल्पना 1982 में सीपीआई-एमएल (पीपुल्स वार ग्रुप) में शामिल हुईं और पार्टी के साथ विभिन्न पदों पर काम किया। कुख्यात माओवादी कमांडर किशन की पत्नी के रूप में जानी जाने वाली कल्पना ने देश के तत्कालीन आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल राज्यों में विभिन्न पदों पर कार्य किया।
पोथुला पद्मावती का नक्सली संगठन में था अधिक दबदबा
नक्सली संगठन में कल्पना की पहचान नक्सली आंदोलन के कुख्यात माओवादी किशनजी की पत्नी के रूप में होती है। नक्सली कमांडर किशनजी की पश्चिम बंगाल में हुई मुठभेड़ में मौत हुई थी। इसके बाद सुजाता ने नक्सली संगठन में और अधिक सक्रिय हो गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि कल्पना के आत्मसमर्पण से नक्सलियों का संगठन कमजोर होगा। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस को लंबे समय से सुजाता की तलाश थी।

तेलंगाना के जोगुलाम्बा गदवाल जिले की रहने वाली है कल्पना
सार्वजनिक जीवन की मुख्यधारा में शामिल होने वाले माओवादी पोथुला पद्मावती उर्फ कल्पना अब 62 साल की हो चुकी है। वह मूल रूप से पेंचिकालपाडु गांव, गट्टू मंडल, जोगुलम्बा गदवाल जिले की रहने वाली है। उसके पिता थिम्मा रेड्डी थे। वह एक कृषक परिवार से थीं जिसके पास काफी संपत्ति थी। उन्होंने गाँव के पोस्टमास्टर के रूप में भी काम किया और 1983 में उनका निधन हो गया। उनकी माँ, वेंकम्मा एक गृहिणी हैं। उनके तीन भाई और एक बहन हैं, तीनों भाई अपने पैतृक गाँव में खेती करते हैं। उनके बड़े भाई, पोथुला श्रीनिवास रेड्डी ने वर्ष 1982 में लगभग दो महीने तक सीपीआई (एमएल) पीपुल्स वार ग्रुप के साथ काम किया।
कल्पना का विवाह कोटेश्वर राव उर्फ प्रहलाद उर्फ किशनजी से हुआ था
कल्पना का विवाह मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ प्रहलाद उर्फ किशनजी से हुआ था। वह एक वरिष्ठ माओवादी नेता थे और सीपीआई (माओवादी) की पश्चिम बंगाल राज्य समिति के केंद्रीय समिति सदस्य (सीसीएम) और सचिव के रूप में कार्यरत थे। 24 नवंबर 2011 को पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में बंगाल-झारखंड सीमा के पास पुलिस के साथ मुठभेड़ में उनकी मृत्यु हो गई। दंपति की एक बेटी थी। गदवाल के सरकारी जूनियर कॉलेज में इंटरमीडिएट के दूसरे वर्ष की पढ़ाई के दौरान मार्क्सवादी लेनिनवादी विचारधारा से प्रभावित हुईं। उनकी विचारधारा से प्रेरित होकर, वह दिसंबर 1982 में सीपीआई (एमएल) पीपुल्स वार ग्रुप में शामिल हो गईं।
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इस मौके पर तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक डा. जितेन्द्र ने कहा कि कल्पना उर्फ सुजाता का यह निर्णय दशकों के भूमिगत जीवन के बाद अपनी भलाई को प्राथमिकता देने की व्यक्तिगत आवश्यकता को दर्शाता है। उन्होंने एक सामान्य जीवन जीने, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और अपने परिवार के साथ शांतिपूर्वक रहने की इच्छा व्यक्त की। पोथुला पद्मावती उर्फ कल्पना उर्फ म्यनाक्का उर्फ सुजाता पर पच्चीस लाख (25 लाख रुपए) रुपये का नकद इनाम था। यह धनराशि अब उसे डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से सौंप दिया गया है।
इसके अलावा, उसे आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के लिए तेलंगाना सरकार की पुनर्वास नीति के अनुसार अन्य लाभ भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य पुलिस विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है कि पुनर्वास नीति के तहत उसे सभी लाभ तुरंत प्रदान किए जाएँ, ताकि वह सम्मान और सुरक्षा के साथ अपना जीवन फिर से शुरू कर सके।
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