नई दिल्ली। भारतीय डिजिटल एजुकेशन (Indian Digital Education) की तेज़ रफ्तार ने छात्रों की सीखने की शैली में बड़ा बदलाव कर दिया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश के 86 प्रतिशत बच्चे पढ़ाई में एआई टूल्स (AI Tools) का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि केवल 60 प्रतिशत शिक्षक ही इन्हें कक्षा में शामिल कर रहे हैं। यह बढ़ती खाई शिक्षा प्रणाली के संतुलन को चुनौती दे रही है।
छात्र तकनीक में आगे, शिक्षक पीछे
विशेषज्ञों के अनुसार, एआई तुरंत उत्तर प्रदान करके छात्रों को सतही ज्ञान देता है, लेकिन गहरी समझ, विश्लेषणात्मक क्षमता और क्रिटिकल थिंकिंग (Crictical Thinking) पैदा नहीं कर पा रहा। खासकर शहरी क्षेत्रों में छोटे बच्चे भी जेनरेटिव एआई पर निर्भर होकर कठिन विषयों की मूल समझ से दूर हो रहे हैं।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अंतर
सर्वे में सामने आया कि 68 प्रतिशत शहरी शिक्षक एआई ट्रेनिंग से वंचित हैं, जबकि मुंबई, दिल्ली और बैंगलोर में 44 प्रतिशत छात्र एआई से ही होमवर्क पूरा कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 17 प्रतिशत है, लेकिन वृद्धि तेजी से हो रही है। इस वजह से विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों में कठिन सवाल पूछने की प्रवृत्ति 30 प्रतिशत तक कम हो गई है।
मनोवैज्ञानिकों और शोधों की चेतावनी
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि एआई आधारित झटपट सहायता बच्चों की समस्या समाधान क्षमता को 16.5 प्रतिशत तक घटा रही है। एमआईटी शोध में पाया गया कि एआई पर निर्भरता से स्मृति क्षमता 20 प्रतिशत तक कम हो रही है।
भविष्य की नौकरियों और शिक्षा की गुणवत्ता पर असर
रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक करीब 70 प्रतिशत जॉब स्किल्स बदल जाएंगी, लेकिन एआई पर अत्यधिक भरोसा करने वाले बच्चे क्रिएटिविटी और इनोवेशन की दौड़ में पीछे रह जाएंगे। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वे में 72 प्रतिशत शिक्षक चिंतित हैं कि एआई प्लेजरिज्म बढ़ाएगा और नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धा कमजोर करेगा।
AI का मालिक कौन है?
जॉन मैकार्थी, जो एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे, को आम तौर पर “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक” माना जाता है। उन्हें 1956 में डार्टमाउथ कॉलेज की एक प्रसिद्ध ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में पहली बार “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द का इस्तेमाल करने का श्रेय दिया जाता है।
AI क्या है और कैसे काम करता है?
AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम बुद्धिमत्ता) मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, सीखने, तर्क करने और समस्या-समाधान करने की क्षमता है, जो बड़े डेटा, एल्गोरिदम और कंप्यूटेशनल शक्ति का उपयोग करके काम करती है
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