नई दिल्ली। मोटापे के कारण डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और जोड़ों का दर्द तेजी से फैल रहे हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय अपनाए जाते हैं—कभी घंटों एक्सरसाइज, तो कभी कठिन डाइट प्लान।
लोबिया: डाइट का छुपा खज़ाना
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रोज़ाना की डाइट में कुछ खास खाद्य पदार्थ शामिल कर लिए जाएं तो वजन नियंत्रित करना आसान हो सकता है। इन्हीं में से एक है लोबिया। लोबिया एक प्रकार की दाल है, जो सफेद रंग की होती है और उस पर छोटा-सा काला या भूरा दाग दिखाई देता है।
प्रोटीन से भरपूर लोबिया
अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, लोबिया में लगभग 20.43% प्रोटीन पाया जाता है। यह प्रोटीन वजन घटाने वालों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि पकाने के बाद लोबिया का प्रोटीन एफिशिएंसी रेशियो (PER) बढ़कर 1.05 से 1.47 तक पहुंच गया।
फाइबर से भूख पर नियंत्रण
लोबिया में प्रोटीन और फाइबर दोनों ही भरपूर मात्रा में होते हैं। फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और अतिरिक्त कैलोरी लेने से बचाव होता है।
वहीं प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूत करता है और मसल्स विकसित होने पर शरीर अपने आप अधिक फैट बर्न (Fat Burn) करता है।
शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के लिए फायदेमंद
शोध में यह भी पाया गया कि अगर लोबिया में 20% नॉन-वेज मिलाकर खाया जाए, तो प्रोटीन की पाचन क्षमता 74.9% से बढ़कर 84.3% तक हो जाती है। यानी लोबिया शाकाहारियों के साथ-साथ मांसाहारियों के लिए भी बेहद लाभकारी है।
नियमित सेवन से मिलते हैं फायदे
विशेषज्ञों का मानना है कि लोबिया को डाइट में शामिल करने से मोटापा नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
साथ ही यह शरीर को ताकत, ऊर्जा, मिनरल्स और विटामिन्स (Vitamins) भी प्रदान करता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
लोबिया दाल का दूसरा नाम क्या है?
लोबिया दाल को हिंदी में चावली, सुंठा या चोंला दाल भी कहते हैं. इसे अंग्रेज़ी में ब्लैक-आई मटर (Black-eyed pea) या काऊपी (Cowpea) भी कहा जाता है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसके और भी नाम हैं
लोबिया के बीज को हिंदी में क्या कहते हैं?
लोबिया के बीजों को हिंदी में लोबिया के बीज ही कहते हैं; इसके अन्य नाम चौला के बीज, चौरा के बीज या अंग्रेजी में Cowpea Seeds हैं।
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