सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए बम धमाकों (Mumbai Local Blast) के मामले में आरोपियों को बरी करने के बांबे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए आरोपियों को नोटिस जारी किया है.अदालत ने कहा है कि जिन लोगों को बरी किया गया है, उन्हें अब गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
अदालत ने यह भी कहा कि रिहा किए गए लोगों को बेगुनाह न माना जाए. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद एमआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र सरकार के कदम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जब हाई कोर्ट ने आरोपियों को निर्दोष बता दिया है तो सरकार सुप्रीम कोर्ट क्यों चली गई.
ओवैसी ने कहा कि अदालत ने कोई राहत नहीं दी है. उसने उस फैसले पर रोक लगा दी है और कहा है कि 18 साल बाद जेल से रिहा हुए आरोपियों को दोबारा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. मैं केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप यह अपील क्यों दायर कर रहे हैं जबकि ये लोग न केवल कानूनी रूप से निर्दोष हैं, बल्कि पूरी तरह से निर्दोष हैं. इसके अलावा कहा कि सरकार ने जल्दीबाज़ी में अपील की, पर मक्का मस्जिद और अजमेर ब्लास्ट में नहीं की.
अगर मालेगांव केस में भी बरी हो जाएं तो अपील करेगी? यही असली पैमाना है आतंकवाद का सफाया होना चाहिए लेकिन, अगर सरकार अभियुक्तों के धर्म के आधार पर अपील करेगी, तो आतंकवाद के खिलाफ आपकी लड़ाई कमजोर हो जाएगी.
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